पिता की डांट से घर छोड़कर गया युवक 14 साल बाद जेल में मिला
LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर जेल अधीक्षक के कार्यालय का नजारा कुछ बदला हुआ था, क्योंकि वहां आठ साल की उम्र में घर से नाराज होकर गए बेटे का 14 साल बाद मां से मिलन हो रहा था। जैसे ही बंदी रक्षक चोरी के आरोप में बंद युवक को जेल अधीक्षक के कार्यालय में लेकर पहुंचे तो वहां पहले से बेटे के इंतजार में पलक पावड़े बिछाए बैठी मां भावुक होकर बेटे को गले से लगाकर रोने लगी। मां-बेटे के इस मिलन को देखकर जेल अधीक्षक समेत अन्य जेल के स्टाफ की आंखे भी नम हो गई।


मुजफ्फरनगर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि तीन महा पहले फुगाना पुलिस ने अतुल नामक युवक को चोरी के आरोप में जेल भेजा था। जेल आने के बाद से वह गुमसुम रहता था। इसी दौरान जेल में बंदियों के सुधारात्मक और साक्षरता के चलाए जाए रहे कार्यक्रम में अरुण से सद्मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। शनिवार और सोमवार को बंदियों की परेड में जब अतुल से उसके अतीत के बार में पूछा गया तो उसने बताया, 8 साल की उम्र में पिता के डांटने पर घर छोड़कर आ गया, इसके बाद उसने स्वजन से संपर्क नहीं किया। अतुल ने जेल प्रशासन को सिर्फ इतना बताया था कि वह कौशांबी के बरगदी गांव का रहने वाला है और मां से मिलने की इच्छा है। जेल अधीक्षक ने बताया, इसके बाद अतुल उर्फ छोटे को स्वजन से मिलाने के लिए जेलर राजेश कुमार और उप कारापाल हेमराज सिंह को लगया गया। 15 दिन की भागदौड़ के बाद अतुल के घर का पता चला गया। हेमराज ने जब अतुल की मां सावित्री का बताया उनका बेटा जिंदा है तो उनकी आंखें भर आई थी। सोमवार को उप कारापाल हेमराज सिंह अतुल की मां सावित्री और अतुल के बड़े भाई को लेकर जेल अधीक्षक के कार्यालय में पहुंचे, जैसे ही बंदी रक्षक अतुल को जेल अधीक्षक के कार्यालय में लेकर पहुंचे तो मां बेटे को देखकर गले लगकर रोने लगी। यह देखकर जेल अधीक्षक समेत अन्य स्टाफ की आंखे नम हो गई। इसके बाद मां ने बेटे के बड़े प्यार से अपने हाथों से खाना लिया। छोटे भाई को जिंदा देखकर बड़े भाई की आंखे भी भर आई थी।
