NCR में क्यों तंग हो गये मुजफ्फरनगर के उद्यमी, जाने वजह
LP Live, Muzaffarnagar : फेडरेशन आफ मुजफ्फरनगर कामर्स एंड इंडस्ट्री की बैठक में मुजफ्फरनगर को एनसीआर से बाहर करने की मांग उठाई गई है। उद्यमियों ने खुद को पीड़ित बताते हुए कहा कि जनपद में इनता प्रदूषण नहीं है, जितना इकाइयों पर एनसीआर के नियम थोपे जा रहे हैं। मुजफ्फरनगर एनसीआर से बाहर नहीं हुआ तो यहां से औद्योगिक इकाइयों का पलायन हो जाएगा।
फेडरेशन आफ मुजफ्फरनगर कामर्स एंड इंडस्ट्री की एक बैठक साेमवार को उनके कार्यालय पर हुई। मुजफ्फरनगर जिले पर एनसीआर लागू होने से उद्योगों को आ रही समस्याओं पर विचार रखे गए। इस दौरान फेडरेशन अध्यक्ष अंकित संगल ने कहा, यदि दिल्ली का एक्यूआई 200 से ऊपर आता है तो वह ग्रेप-2 में आता है। इसमें डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन मुजफ्फरनगर से दिल्ली बहुत अधिक दूर है। इसके बाद भी दिल्ली के नियम मुजफ्फरनगर एनसीआर में शामिल होने के कारण झेल रहा है, दिल्ली में रोजाना लाखों गाडियो का आवागमन है। आसपास के जिलों में औद्योगिक इकाइयां अधिक है, जिस कारण वहां वायु प्रदूषण है, लेकिन मुजफ्फरनगर में वहां जैसी स्थिति नही हैं। इसलिए प्रशासन मुजफ्फरनगर को दिल्ली के एक्यूआई से न नापे। उद्यमियों ने कहा कि डीजल जनरटेर बैन होने के कारण गैस के जनरेटर चलाने की अनुमति है, जो अत्यधिक महंगी है। जिसको खरीदना एक छोटे उद्यमी के लिए कठिन है। उद्यमियों ने कहा कि मुजफ्फरनगर में सीएनजी की अवश्यकता है, जिसके कनेक्शन देने में आईजीएल कम्पनी देरी कर रही है। इस समस्याओं के कारण जनपद के उद्योग बंदी की कगार पर आ गये है। यही स्थिति रही तो सभी उद्योगपति सडकों पर उतर जाएंगे। यदि मुजफ्फरनगर एनसीआर से बाहर न निकाला गया तो उद्यमी अपना उद्योग दूसरे जिले में पलायन करने को मजबूर होंगे।