अपराधउत्तर प्रदेश

दो शिक्षकों को 20-20 वर्ष की सजा, छात्रा से किया था दुष्कर्म

मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र के एक निजी प्राइमरी विद्यालय के प्रबंधक और प्रधानाचार्या ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म किया था। पीड़िता के पिता ने थाने में तहरीर दी थी। इस मामले में तत्कालीन बीएसए मायाराम ने निरीक्षण के बाद विद्यालय की मान्यता की जांच की थी, जो बिना मान्यता के चल रहा था। अब कोर्ट ने दोनों को सजा सुनाई है।

LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर विशेष लोक अभियोजक मनमोहन वर्मा और दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि 3 मार्च 2022 को वादी ने नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें बताया था कि उसकी नाबालिग बेटी एक निजी स्कूल में पढ़ती थी। दो मार्च को शिक्षक राजकुमार शर्मा ने उनकी बेटी को अपने आफिस में बुलाकर दुष्कर्म किया था। इसके बाद स्कूल के ही दूसरे शिक्षक उदयपाल ने भी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। उन्होंने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान छह गवाहों के बयान दर्ज कराया गए। इसके साथ ही पुलिस ने भी इस मामले में सशक्त पैरवी की। सरकारी अधिवक्ता मनमोहन वर्मा ने बताया कि पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद गवाहों और साक्ष्यों के आधार राजकुमार शर्मा निवासी नया बांस नगर कोतवाली और उदयपाल धीमान निवासी रामपुरी, नगर कोतवाली को 20-20 साल की सजा और 50-50 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है। सरकारी वकील मनमोहन वर्मा ने बताया कि घटना के समय राजकुमार स्कूल के प्रबंधक थे, जबकि उदय पाल प्रधानाचार्य थे।

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