गड़बड़झाला: जांच की रडार पर सबसे आगे संगठनों से जुड़े शिक्षक


LP Live, Muzaffarnagar: बेसिक शिक्षा विभाग में त्रुटिपूर्ण वेतनवृद्धि और फर्जी नियुक्तियों पर कार्रवाई के बाद न होने वाली रिकवरी के मामले में बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियो से जांच शुरू करा दी है। शुरूआती जांच में सबसे अधिक त्रु़टिपूर्ण वेतनवृद्धि के मामले शिक्षक संगठनो से जुड़े शिक्षकों के सामने आ रहे हैं। इसमें भी खतौली तहसील के शिक्षक सबसे आगे हैं। इसके अलावा अन्य तहसीलों के शिक्षकों की जांच की कड़ी में सभी की सर्विस बुक खंड शिक्षा अधिकारी तलब कर रहे हैं, जिसके आधार पर संदिग्ध शिक्षकों की पत्रावलियां सहित सर्विस बुक से कनिष्ठ और वरिष्ठता की श्रेणी का आंकलन किया जाएगा।

सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी प्रवीन कुमार द्वारा बीएसए शुभम शुक्ला को आडिट में मिले गड़बड़झाले पर पत्र लिखा था, जिसके बाद विभाग में त्रुटिपूर्ण वेतनवृद्धि कर शिक्षकों का वेतन बढ़ाने और पदोन्नत का घोटाला सामने आ गया था। इसमें कुछ मामले उन शिक्षकों के भी सामने आए है, जिन्हें 2020 में आगरा से बनी फर्जी बीएड प्रमाण पत्रों पर नौकरी मिली थी। पांच शिक्षकों को बर्खास्त करने के बाद उनकी रिकवरी जारी हुई थी, लेकिन इसमें अभी तक कुछ भी रिकवर नही हो पाया है। इसके अलावा जिले में 58 शिक्षक ऐसे हैं, जिनको छठवें वेतनमान में छह महीने पूर्ण करने पर उनके वेतन में त्रुटिपूर्ण वृद्धि कर राजस्व की हानि पहुंचाई गई थी। इसमें बघरा ब्लाक के छह शिक्षक, मोरना ब्लाक के सात शिक्षक, सदर ब्लाक के आठ शिक्षक और खतौली के छह शिक्षक शामिल है। इन शिक्षकों में शिक्षक संगठनों से जुड़े शिक्षक अधिक संख्या में चिन्हित हुए हैं, जो विभिन्न शिक्षक संगठनों से जुडे हैं। बीएसए शुभम शुक्ला ने खंड शिक्षा अधिकारियों को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने की आदेश दिए हैं, लेकिन आडिट कार्य के चलते पूर्ण रूप से जांच शुरू नही हुई है। शुरूआती जांच में पता चला है कि जिन शिक्षकों के नाम सामने आए हैं, उनमें अधिक संख्या में शिक्षक नेता शामिल है, जिनकी सर्विस बुक सबसे पहले विभागीय कार्यालय में मंगाई गई है। बीएसए शुभम शुक्ला ने बताया कि जांच शुरू हो गई है। एक अप्रैल से पूर्ण रूप से इसी पर कार्य होगा। सर्विस बुक एकत्रित की जा रही है। वेतन निर्धारण नियमावली के तहत जांच की जा रही है।
