फेफड़ों की बीमारी में मददगार रोबोटिक थोरेसिक सर्जरी


LP Live, Desk: वैशाली मैक्स हास्पिटल में तैनात रोबोटिकथोरेसिक सर्जरी के निदेशक डा. प्रमोज जिंदल ने बताया कि फेफड़ों और छाती के लिए रोबोटिकथोरेसिक सर्जरी मददगार साबित हो रही है। मनुष्य के फेफडे खराब होने पर इस तकनीक के माध्यम से छोटे चीरों और छोटे उपकरणों के माध्यम से सर्जन कार्य को सटीक गति से कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर के मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा, जिसके लिए वह महीने में एक दिन इवानहास्पिटल में ओपीडी करेंगे।
इवानहास्पिटल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्टाफ व लोगों को थोरेसिक और रोबोटिकथोरेसिक सर्जरी से अवगत कराया गया। इस दौरान डा. प्रमोज जिंदल ने बताया कि फेफड़ों और छाती के लिए न्यूनतम इनवेसिवरोबोटिकथोरेसिक सर्जरी रोबोटिक प्रणाली है। यह छोटे चीरों और छोटे उपकरणों के माध्यम से पसलियों में सर्जन के हाथों की सटीक गति को दोहराताहै। इससे मरीज की छाती में जटिल प्रक्रियाएं करने में मदद मिलती है। ये काम पहले बड़ा चीरा लगाकर और पसलियों को फैलाकर किया जाता था, लेकिन इस तकनीक वीडियो-असिस्टेडथोरेसिक सर्जरी (वीएटीएस) जैसी पिछली तकनीकों से बेहतर है।थोरेसिक सर्जरी में फेफड़े, चेस्ट वाल, मीडियास्टिनम और इसोफैगस की सर्जरी शामिल होती है।ट्यूबरक्लोसिसकैविटी के साथ फंगल बाल, छाती में मवाद, श्वास नली का संकीर्ण होना, फेफड़ों से हवा का रिसाव, फेफड़ों के आसपास तरल पदार्थ का जमा होना, कैंसर जैसी अन्य नालट्यूबरक्लोसिस बीमारी श्वास नली, फेफड़े, भोजन नली और चेस्ट वालडायाफ्राम से जुड़ी हर्निया, डायाफ्राम का कमजोर होना फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते है, जिसका इलाज इस विधि से अासानहोगा। इस दौरान चिकित्सक ने फेफड़े खराब होने के लक्षण और बचाव बताए गए।
फेफड़ों में इनफेक्शन के प्रकार
– टीबी की बीमारी।
-छाती और पसलियों में चोट लगना।
– खाने की नली व अन्य कैंसर।
– बच्चें और बड़ों में बचपन से कोई समस्या।
फेफड़े खराब होने के लक्षण
– बहुत सांस फूलना।
– बलगम अधिक आना।
– बलगम में ब्लड़आना।
ऐसे रखे फेफड़े सुरक्षित
– छाती का नियमित व्यायाम।
– अधिक पानी पिए।
– रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए।
– धूम्रपान से दूर रहें।
