P20 Summit: आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती
पी20 शिखर सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी


नई दिल्ली के यशोभूमि अधिवेशन केंद्र में जुटे जी20 की संसदों के पीठासीन अधिकारी
LP Live, New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 के सदस्य देशों की संसदों के पीठासीन सभापतियों (पी20) के नौवें सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी।
नई दिल्ली में द्वारका स्थित यशोभूमि अधिवेशन केंद्र में चल रहे जी20 के सदस्य देशों की संसदों के पीठासीन सभापतियों (पी20) के नौवें सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ‘संघर्षों और टकराव से दुनिया का काई भी देश किसी को फायदा नहीं पहुंचा सकता और दुनिया के सामने मौजूदा चुनौतियों का समाधान भी संभव नहीं है। यह समय की मांग है कि हम साथ मिलकर शांति और भाईचारे को कायम कर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि यह समय एक साथ आगे बढ़ने, सबके विकास और कल्याण का है। भारत की जी20 की अध्यक्षता के अनुरूप नौवें पी20 सम्मेलन की थीम ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य के लिए संसद’ है। यह शिखर सम्मेलन शक्ति का जश्न मनाने का भी एक माध्यम है। इसके लिए दुनिया भर की संसदें बहस और विचार-विमर्श के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान हैं। उन्होंने कहा यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। सभी प्रतिनिधि अलग-अलग संसदीय कार्यशैली के अनुभवी हैं। आपका इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ भारत आना हम सभी के लिए बहुत सुखद है।

आतंकवाद दुनिया के लिए एक चुनौती
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद जहां भी होता, किसी भी कारण, किसी भी रूप में होता वह मानवता के खिलाफ होता है। ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है और आज भी यूएन भी इसका इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिनिधियों को सोचना होगा की आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे काम कर सकते हैं। आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतने की अपील करते हुए कहा कि भारत कई वर्षों से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है और करीब दो दशक पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को उस समय निशाना बनाया था, जब संसद का सत्र चल रहा था। आज भी आतंकवाद दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसलिए दुनिया की संसदों और उनके प्रतिनिधियों को आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लड़ाई लड़ने के लिए काम करने पर विचार करना होगा।
आम चुनाव देखने का दिया निमंत्रण
पीएम मोदी ने कहा भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 2019 का आम चुनाव मनाव इतिहास की सबसे बड़ी मानव कसरत थी। इसमें 60 करोड़ वोटर ने हिस्सा लिया। तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की कुल आबादी से अधिक है। भारत की यह लोकतंत्र प्रक्रिया यह दिखाती है कि भारत में लोगों का संसदीय प्रक्रियाओं में कितना भरोसा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत चुनावों के दौरान पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए 25 वर्षों से अधिक समय से ईवीएम का उपयोग कर रहा है। 2024 में, आम चुनावों के दौरान लगभग 100 करोड़ या एक बिलियन मतदाता अपना वोट डालने जा रहे हैं। वह सभी प्रतिनिधियों को अगले आम चुनाव देखने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित करते हैं।
महिलाओं को आरक्षण देने का निर्णय
प्रधानमंत्री मोदी ने पी20 शिखर सम्मेलन में यह भी कहा कि भारत ने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है। भारत में स्थानीय स्व-शासन संस्थानों में लगभग 32 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। इनमें से लगभग 50 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि हैं। भारत आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देता है।
