वेस्ट यूपी से लेकर कई देशों तक जुड़े लविश चौधरी के तार, ईडी की जांच में खुल रहा खेल
मुज़फ्फरनगर के सूजडू, मंसूरपुर से सबसे ज्यादा निवेशक, छोटे छोटे दुकानदार तक के लगे हैं रुपये
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LP Live, muzaffarnagar/ shamli: दुबई में बैठकर बोट ब्रो व अन्य कम्पनी में पैसा लगवा रहा लविश चौधरी के तार वेस्ट यूपी से लेकर कई देशों तक जुड़े हैं।शामली के सलेक विहार में छापेमारी के बाद ईडी की जांच तेज हो गई हैं। जिसमे नए-नए खुलासे हो रहे हैं। दुबई में बैठे लविश चौधरी के तार पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अमेरिका, थाईलैंड और बैंकाक तक जुड़े हैं। ईडी के हाथ भारत सहित अफगानिस्तान और अन्य देशों के प्रभावशाली लोगों की वीडियो और फोटो भी लगी हैं, जिसकी जांच चल रही हैं।
ईडी के सूत्रों की माने तो शामली के नवाब से पूछताछ और जांच में सामने आया है कि लविश चौधरी हर तीन माह में दुबई के किसी एक आलीशान होटल में कार्यक्रम आयोजित करता था, जिसमें पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान और अन्य देशों के प्रभावशाली लोगों को बुलाता था। उन लोगों ने भी अरबों, खरबों रुपया लविश की कई कंपनियों में इनवेस्ट किया हुआ है। उक्त लोगों का पूरा खर्च खुद लविश वहन करता था।
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लविश की बहन की शादी में दुबई गए थे मुज़फ्फरनगर, शामली के एजेंट: लविश चौधरी ने हाल ही में अपनी बहन की शादी दुबई में की थी, जिसमें वेस्ट यूपी के मुज़फ्फरनगर और शालमी सहित देशभर के एजेंट और अन्य लोग शामिल हुए थे। इनके वीजा, पासपोर्ट की जांच के लिए ईडी ने विदेश मंत्रालय से मदद मांगी है। मुज़फ्फरनगर,बागपत, शामली के छह लोग चिह्नित किए गए हैं, जिनसे जल्द ही पूछताछ होगी। करीब 100 वीजा, पासपोर्ट की जांच कराई जा रही है।
सुजडू से हुआ सबसे अधिक निवेश, मंसूरपुर के कई गांव शामिल :क्यूएफएक्स कंपनी में मुज़फ्फरनगर के अलावा आसपास के क्षेत्र के लोगों ने भी बड़ा निवेश किया है। जिले में ठगी के पीड़ित सामने नहीं आए हैं, लेकिन सुजडू गांव में सबसे ज्यादा निवेश की चर्चा है। ईडी की छापे के साथ ही एजेंट एक तरह से लापता हो गए हैं। निवेशकों के बीच बेचैनी का माहौल है। डेढ़ साल से लविश दुबई से कंपनी चला रहा है।
शामली और मुज़फ्फरनगर में छापेमारी के बाद कंपनी का नाम बदलने की तैयारी: शामली और मुज़फ्फरनगर में लविश के एजेंट और निवेशकों के घर हुई छापेमारी के बाद अन्य निवेशकों से एजेंट संपर्क साध रहे हैं, वह मीडिया की खबरों से उनका ध्यान भटकाने की कोशिश में हैं। कई को पैसे नहीं डूबने से बचाने के लिए कंपनी का नाम बदलने की जानकारी से रहे हैं, जिसकी प्रक्रिया भी सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही हैं।
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