LP Live, New Delhi: ओडिशा के बालासोर में हुए तीहरे ट्रेन हादसे की जांच कर रही सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। इसमें रेलवे के तीन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इस हादसे में 290 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी और करीब एक हजार लोग घायल हो गये थे।
सीबीआई द्वारा भुवनेश्वर में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में रेलवे के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर अमीर खंड और तकनीशियन पप्पू कुमार को बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच के सिलसिले में सात जुलाई को गिरफ्तार किया था। इन तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 और 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई की जांच में यह हादसा रेलवे अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा था।
आरोप पत्र में बताया गया है कि यह भयावह रेल हादसा रेलवे के सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की अनदेखी और लापरवाही की वजह से हुआ। 2 जून को हुए हादसे में किसी साजिश का नहीं, इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि बाहानगा बाजार स्टेशन के पास लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर मरम्मत का काम महंत द्वारा एलसी गेट नंबर 79 के सर्किट आरेख का उपयोग करके किया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपी का कर्तव्य यह सुनिश्चित करना था कि मौजूदा सिग्नल और ‘इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन’ का परीक्षण, मरम्मत और बदलाव स्वीकृत योजना और निर्देशों के अनुसार हो, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
दो जून को हुआ था हादसा
ओडिशा के बालासोर में दो जून को यह हादसा उस समय हुआ था, जब कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और पटरी से उतरे इसके कुछ डिब्बे बगल की पटरियों पर गिर गए तथा वहां से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए। इस दुर्घटना में 296 लोग मारे गए थे और एक हजार से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे।