Select Language :

Home » राष्ट्रीय » आईआईटी भुवनेश्वर में नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला की स्थापना को मंजूरी

आईआईटी भुवनेश्वर में नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला की स्थापना को मंजूरी

source: Social Media

नमो सेमीकंडक्टर लैब युवाओं को उद्योगअनुकूल कौशल से लैस करकेमेक इन इंडियाऔरडिजाइन इन इंडियापहल

How to Make a News Portal
LP Live, New Delhi: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आईआईटी भुवनेश्वर में ‘नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला’ की स्थापना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को एमपीएलएडी योजना के तहत धनराशि प्रदान की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 4.95 करोड़ रुपये है।
मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि नमो सेमीकंडक्टर लैब युवाओं को उद्योग-अनुकूल कौशल प्रदान करके भारत के विशाल प्रतिभा पूल में योगदान देगी। यह लैब आईआईटी भुवनेश्वर को सेमीकंडक्टर अनुसंधान और कौशल विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। यह लैब पूरे भारत में स्थापित होने वाली चिप निर्माण और पैकेजिंग इकाइयों के लिए प्रतिभाओं को विकसित करने में सहायता करेगी।
यह नई प्रयोगशाला ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजाइन इन इंडिया’ पहलों को और बढ़ावा देगी। यह भारत के तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी। भारत वैश्विक चिप डिजाइन प्रतिभाओं का 20 प्रतिशत हिस्सा रखता है। देश भर के 295 विश्वविद्यालयों के छात्र उद्योग द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम ईडीए उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। 20 संस्थानों के 28 छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए चिप एससीएल मोहाली में प्रदर्शित किए गए हैं।
आईआईटी भुवनेश्वर के चयन के पीछे क्या कारण रहे
ओडिशा को हाल ही में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत दो सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए मंजूरी मिली है। इनमें से एक सिलिकॉन कार्बाइड आधारित मिश्रित सेमीकंडक्टर के लिए एक एकीकृत केंद्र है। दूसरी उन्नत 3डी ग्लास पैकेजिंग केंद्र है। आईआईटी भुवनेश्वर में पहले से ही सिलिकॉन कार्बाइड अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र है। इस नई प्रयोगशाला से मौजूदा क्लीनरूम सुविधाओं में वृद्धि होगी। इससे भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को सहयोग देने के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं प्राप्‍त होगी।
क्या है नमो सेमीकंडक्टर लैब
इस प्रस्तावित प्रयोगशाला में सेमीकंडक्टर प्रशिक्षण, डिजाइन और निर्माण के लिए आवश्यक उपकरण और सॉफ्टवेयर उपलब्ध होंगे। उपकरणों की अनुमानित लागत 4.6 करोड़ रुपये और सॉफ्टवेयर की लागत 35 लाख रुपये है।

Share this post:

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

खबरें और भी हैं...

वोट करें

Are You Satisfied Lokpath Live

Our Visitor

0 2 9 8 8 0
Total views : 86308

Follow us on