मुजफ्फरनगर के अस्पतालों में अफसरों का दौरा, अधूरे मिले आग से बचाव के इंतजाम
मुजफ्फरनगर के जिला महिला अस्पताल के SNCU यूनिट में पहुंची टीम, जिला अस्पताल में खुले मिले बिजली के बोर्ड


LP Live, Muzaffarnagar: झांसी के मेडिकल कालेज में आग की घटना से एसएनसीयू (SNCU) में 10 नवजात बच्चों की मौत को लेकर शासन स्तर तक के अधिकारी सतर्क हो गए हैं। प्रदेश में निरीक्षण की की कार्यवाही के बाद कम से कम 80 सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को नोटिस जारी किये गये हैं। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर के जिला अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में टीम बनाकर निरीक्षण शुरू हो गया है। जहां लापरवाही व आग बुझाने की व्यवस्था संतोषजनक नहीं पाई गई।
दरअसल झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात को मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल के निरीक्षण में ही लापरवाही सामने आ गई। जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड सहित वार्डों में सुरक्षा इंतजाम व अन्य व्यवस्थाएं संतोषजनक रही, लेकिन जिला अस्पताल में आग लगने की घटना से बचने के प्रति लापरवाहीं सामने आई, जिसको लेकर अधिकारियों ने भी सीएमएस को निर्देश देकर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

महिला अस्पताल की SNCU का निरीक्षण, आलर्म सहित फायर सेफ्टी देखी
जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर वार्डों में विद्युत उपकरणों की लाइन से लेकर बार्ड अंडर ग्राउंड है। इसके साथ ही आक्सीजन लाइन के साथ फायर सेफ्टी के इंतजाम पुख्ता है। आग की घटना का इंडीकेट मिलते ही अलार्म बचने के लिए लाइन बिछ़ी हुई है। वहीं एसएनसीयू SNCU में नवजात के लिए 12 बेड की सुविधा के साथ छह चिकित्सकों की टीम व अन्य स्टाफ तैनात किया गया है, ताकि बच्चों को स्वास्थ्य देखभाल के साथ अन्य परेशानी से बचाने के लिए 24 घंटे वार्ड में स्टाफ तैनात रहे। सीएमएस डा. आभा आत्रे बताती है कि एसएनसीयू यूनिट सहित इंमरजेंसी व अन्य वार्ड में फ्लोरवाइज चिकित्सक व मेडिकल टीम तैनात रहती है। हालांकि जिला अस्पताल की एसएनसीयू दूसरी मंजिल पर भी काफी अंदर जाकर है, यदि वहां आग की घटना होती है तो बच्चों को निकालने में लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है।
जिला अस्पताल में खुले में बिजली के बोर्ड, अग्निश्मन सिलेंडर खाली
मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल में एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, सीएफओ अनुराग कुमार, सीएमएस डा. राकेश सिंह सहित विद्युत सुरक्षा टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान जिला अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर वार्डों में जांच के प्वाइंट से कई कमियां मिली। एडीएम प्रशासन ने बताया कि जिला अस्पताल में कई जगह विद्युत तार कटे मिले, विद्युत बोर्ड व पलक खुले मिले। अस्पताल में फायर सुरक्षा के इंतजाम भी अधूरे मिले, हालांकि सीएमएस ने कार्य कराए जाने की जानकारी दी। सभी बिंदुओं की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
