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हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का शहरी विकास प्राधिकरण में होगा विलय

मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से व्यापक आवास नीति का मसौदा तैयार

LP Live, Chandigarh: राज्य सरकार ने हरियाणा में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) में आवास के निर्माण में एक एजेंसी के रुप में कार्य कर रहे हाउसिंग बोर्ड हरियाणा का शहरी विकास प्राधिकरण में विलय करने का फैसला किया है।

यह घोषणा बुधवार प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) की प्रगति समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने करते हुए कहा कि हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के शहरी विकास प्राधिकरण में विलय करने की प्रक्रिया को अगले 45 दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होने कहा कि हाउसिंग बोर्ड हरियाणा और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की विलय प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्रशासक (मुख्यालय), एचएसवीपी पंचकूला की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा चुका है। विभाग ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से व्यापक आवास नीति का मसौदा तैयार किया है। इस नीति का लक्ष्य परिवार पहचान पत्र में सत्यापित 1.80 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले जरूरतमंद परिवारों को किफायती आवास प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री आवास योजना को मंजूरी
राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत शुरू की जाने वाली दो पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। पहली परियोजना में पंचकूला में बहुमंजिला आवास इकाइयों का निर्माण शामिल है, जो लाभार्थियों को रियायती दर पर प्रदान की जाएंगी। दूसरी परियोजना का उद्देश्य मकान के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ पात्र परिवारों को यमुनानगर में एचएसवीपी और एचबीएच के स्वामित्व वाली भूमि पर एक मरला या 1.5 मरला भूखंडों की योजना बनाना और आवंटित करना है। इसके अतिरिक्त, गुरुग्राम (हाइपर जोन) में बहुमंजिला आवास तथा फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत शहरों में बहुमंजिला आवास (जी+3) बनाने की योजना है। बैठक में पीएमएवाई (शहरी) के बेनिफिशियरी लैड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी) घटक के तहत मकानों के निर्माण में हुई प्रगति की भी जानकारी दी गई। इनमें से अब तक लगभग 14,415 मकान पूरे हो चुके हैं। बीएलसी घटक के लिए केंद्र सरकार के 67,649 लाभार्थियों के लक्ष्य में से, 64,823 लाभार्थियों के लिए डेटा हाउसिंग फॉर ऑल (शहरी) प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में पंजीकृत किया गया है। निर्माण की प्रगति की निगरानी के लिए 64,784 मकानों की जियो-टैगिंग की गई है, जबकि पर्यवेक्षकों ने 4,439 मकानों को मंजूरी दी है।

आवास के लिए आर्थिक सहायता
बैठक के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि मकानों के निर्माण में सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी पात्र लाभार्थियों को 1.50 लाख रुपए की मौजूदा केंद्रीय सहायता के अलावा 1.00 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करवाई जा रही है। इसके अलावा हरियाणा में बेनिफिशियरी लैड कंस्ट्रक्शन घटक और क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत लाभार्थियों को विकास शुल्क, भवन नक्शा जांच शुल्क और भवन योजनाओं/नक्शों के ऑफ़लाइन अनुमोदन के भुगतान के लिए एकमुश्त छूट दी गई है। इस छूट का उद्देश्य लाभार्थियों के लिए वित्तीय बोझ को कम करना और अनुमोदन प्रक्रिया को कारगर बनाना है। बैठक में सभी के लिए आवास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राज शेखर वुंडरू, हाउसिंग बोर्ड के सचिव मानव मलिक और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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