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हरियाणा सरकार ने जारी की ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी’ की अधिसूचना

नीति के तहत मानेसर तहसील के भूस्वामियों को मिलेगा प्रोत्साहन

LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार द्वारा पिछले महीने स्वीकृत की गई ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023′ को लागू कर दिया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस नीति में मानेसर तहसील के भूस्वामियों के लिए को कई तरह के प्रोत्साहन देने का प्रावधान है।

राज्य सरकार की पिछले महीने सात जुलाई को हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 को स्वीकृति दी गई थी, ताकि आईएमटी मानेसर का एक्सपेंशन करने के लिए जिन लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उन्हें प्रोत्साहन देने की राह आसान हो सके। इस पॉलिसी को सरकार ने बुधवार को अधिसूचित कर दिया है। पॉलिसी की अधिसूचना के बारे में एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक यश गर्ग के अनुसार राज्य सरकार भूस्वामियों की स्वैच्छिक भागीदारी के साथ प्रदेश में तेजी से विकास करना चाहती है, इसलिए ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी -2023’ को अधिसूचित किया गया है।

इस पॉलिसी के जरिए गुरुग्राम जिला के मानेसर तहसील के गांव कासन, कुकरोला और शेरावां गांव के उन भूमि मालिकों को लाभ दिया जाएगा, जिनका नाम 16 अगस्त 2022 को अवॉर्ड नंबर 1, 2 तथा 3 अनाउंस हुआ था। इस बारे में स्वयं से उन्होंने अंडरटेकिंग भी दी थी जो कि पॉलिसी में वर्णित है। इसके अलावा यह इस शर्त के अधीन होगा कि भूस्वामी अपनी भूमि के अधिग्रहण को चुनौती नहीं देंगे, 16 अगस्त 2022 को घोषित अवॉर्ड के अनुसार दिए गए मुआवजे को स्वीकार करेंगे। इन अवॉर्ड्स में घोषित मुआवजे की राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे और अधिग्रहण की भूमि के संबंध में किसी भी न्यायालय में किये गए वे सभी केस वापस ले लेंगे।

कौन होगा लाभान्वित
सरकार की अधिसूचित नीति के तहत प्रोत्साहनों के तहत जो भूमि मालिक एक अंडरटेकिंग देंगे, वही कम्पेन्जेशन-अवॉर्ड के अतिरिक्त लाभ के हकदार होंगे। प्रत्येक भू-स्वामी, जिनकी भूमि गांव कासन, कुकरोला और शेरावां राजस्व सम्पदा में अधिग्रहित की गई है, जो अधिग्रहण या मुआवजे के लिए मुकदमा नहीं करने का वचन देते हैं तो वे अधिग्रहित प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1000 वर्ग मीटर के अनुपात में आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड आवंटित करने के विकल्प का प्रयोग करने के पात्र होंगे। इसके तहत विकसित आवासीय या औद्योगिक भूखंडों का आवंटन, जैसा भी मामला हो, केवल मानक आकार के भूखंडों के गुणकों में होगा। विकसित आवासीय भूखंडों का मानक आकार 100 वर्ग मीटर और 150 वर्ग मीटर है और विकसित औद्योगिक भूखंडों के लिए 450 वर्गमीटर है।

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