सांझा मोर्चा 27 को बड़े आंदोलन की करेगा घोषणा
LP Live, Chandigarh: केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के खिलाफ हरियाणा रोडवेज साझा मोर्चा के आव्हान बुधवार को रोडवेज चालकों व कर्मियों की हड़ताल और बसों के चक्का जाम का प्रदेशभर में काफी असर देखने को मिला। बसों के अभाव में आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आंदोलनकारियों का दावा है कि सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ उनकी हड़ताल और बसों का चक्का जाम सफल रहा है और 27 जनवरी को सांझा मोर्चा की बैठक में बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की बुधवार को हड़ताल का असर भी देखने को मिला। सुबह के समय करीब 10 के करीब दिल्ली, हिसार व सिरसा के लिए बसें जरुर चलाई गई, लेकिन उसके बाद में यूनियन के कर्मचारी आने के बाद बसों का संचालन बंद कर दिया गया। रोडवेज कर्मचारियों के चक्का जाम का ज्यादा असर रोहतक, हांसी, हिसार भिवानी ,चरखी दादरी ,सिरसा,में दिखा। रोडवेज कर्मचारियों ने फतेहाबाद शहर के पुराना बस स्टैंड पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। ऐसे में नया बस स्टैंड सुनसान पड़ा रहा। रोडवेज की हड़ताल के कारण गांवों से आने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। पहले ग्रामीण रूटों पर जो प्राइवेट की बसें चल रही थी उसे हिसार व सिरसा रूटों पर चला दिया गया। ऐसे में गांवों से आने वाले लोगों को निजी वाहनों से ही शहर में आना पड़ा। उधर यूनियन के कर्मचारियों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। बुधवार को मोर्चा के प्रदेश स्तरीय आह्वान के चलते हरियाणा रोडवेज की बस बसे नहीं चली, लेकिन प्राइवेट बसों का संचालन होता रहा। वहीं निजी वाहन चालकों ने इस हड़ताल का फायदा उठाया। बस स्टैंड के गेट पास वे अपना वाहन लगा सवारियां बिठाते नजर आए। इस हड़ताल को लेकर रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को बार-बार सरकार के समक्ष रख चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया।
आंदोलनकारियों का दावा
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के दावे को माने तो बुधवार को प्रदेश में 3200 रोडवेज बसों में से 3000 बसों का पूर्ण रूप से चक्का जाम रहा। सांझा मोर्चा के वरष्ठि नेता नरेंद्र दिनोद, सुमेर सिवाच, सरबत सिंह पूनिया, जयबीर घणघस, आजाद गिल,जगदीप लाठर, वीरेंद्र सिंगरोहा, दिनेश हुड्डा, अशोक खोखर, संजीव कुमार ने हड़ताल के दौरान प्रदेश के डिपुओं का दौरा करने के बाद बताया की सरकार द्वारा बार बार की जा रही वादा खिलाफी व उच्च अधिकारियों के टरकाऊ रवैये से कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ा। उन्होंने मुख्य मांगों के बारे में कहा हिट एंड रन कानून लागू कर सरकार ने चालकों पर सीधा हमला किया है। परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35400 रुपये करने, अर्जित अवकाश में कटौती का पत्र वापस लेकर पहले की तरह अवकाश लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली व जोखिम भत्ता देने पर सरकार बिलकुल गम्भीर नहीं है।