तेलंगानादेशराजनीति

नए सचिवालय व डा. अम्बेडकर की प्रतिमा ने बढ़ाई हैदराबाद की खूबसूरती

ऐतिहासिक विकास से आइकॉनिक स्ट्रक्चर का हब बनने लगा हुसैन सागर

तीस अप्रैल को किया जाएगा तेलंगाना के नए सचिवालय का उद्घाटन
LP Live, Hyderabad: हैदराबाद चार मीनार या गोलकुंडा किले जैसे ऐतिहासिक सांस्कृतिक जगहों के साथ खूबसूरत बिल्डिंगों और विकास के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि आंध्र प्रदेश से पृथक होकर बने तेलंगाना की सरकार राजधानी हैदराबाद को लगातार खूबसूरती के तौर पर विभिन्न परियोजनाओं के साथ विकसित कर रही है। इसी मकसद से तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद में हुसैन सागर के तट पर पहले 125 फुट की डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करके रिकार्ड बनाया। अब इसी के बगल में इंडो-सरसेनिक शैली में नया सचिवालय बनकर तैयार है, जो हैदराबाद को नया आयाम देगा, जिसका उद्घाटन 30 अप्रैल को होगा।

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हुसैन सागर के तट पर तेलंगाना का नया सचिवालय बनकर तैयार हो चुका है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव 30 अप्रैल को करेंगे। 26.98 एकड़ क्षेत्रफल में 616 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गये नए सचिवालय भवन में गंगा जमुनी तहजीब साफतौर से नजर आती है, क्योंकि सचिवालय भवन के भीतर मंदिर, मस्जिद और चर्च के लिए अलग-अलग जोन बनाए गये हैं। वहीं सचिवालय में ऐतिहासिक चार मीनार और गोलकुंडा किले के साथ-साथ एक अद्वितीय वास्तुशिल्प भी देखने को मिलेगी। सचिवालय के सचिवालय के ठीक सामने लुंबिनी पार्क और बगल में विश्व की सबसे ऊंची 125 फीट वाली संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अलावा इसके उत्तर की ओर एनटीआर गार्डन देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता नजर आ रहा है। सचिवालय का निर्माण हुसैन सागर के तट पर इस डिजाइन से किया गया है कि सागर के पानी में इस सचिवालय का प्रतिबिम्ब साफ देखा जा सकता है। सचिवालय भवन को 150 वर्षों तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है। राज्य सरकार ने जहां यह संरचना हैदराबाद में तेलंगाना की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतिबिंब के रूप में पूरी की है। वहीं यह भी कहा जा सकता है कि हुसैन सागर का तट आइकॉनिक स्ट्रक्चर का हब के रुप में विकसित हो रहा है, जो हैदराबाद की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है।

गंगा जुमना की तहजीब का प्रतीक 
हैदराबाद के हुसैन सागर तट पर तेलंगाना के नए सचिवालय बनाने के लिए कनीलकंठेश्वर मंदिर, वनपर्थी पैलेस और सारंगपुर हनुमान मंदिर से प्रेरणा ली गई है। इस भवन पर कुल 34 गुंबद लगाए गये हैं। पूर्व और पश्चिम की ओर भवन के केंद्र में दो बड़े गुंबद हैं, जिन पर राष्ट्रीय चिन्ह स्थापित हैं। यही नहीं नए सचिवालय में तिरुपति की मूर्तियां भी लगाई जा रही हैं। इसके अलावा सचिवालय में गणपति, सुब्रह्मण्यस्वामी, अभयंजनयस्वामी, सिम्हा, नंदी और शिवलिंग की पत्थर की मूर्तियां भी लगाई जाएंगी। इन देवी-देवताओं की मूर्तियों को बनाने में तमिलनाडु के कांची क्षेत्र की काली चट्टानों का इस्तेमाल हो रहा है। सचिवालय भवन को चेन्नई स्थित आर्किटेक्ट्स पोन्नी कॉन्सेसाओ और ऑस्कर कॉन्सेसाओ द्वारा सचिवालय भवन को डिजाइन किया गया है, जिसकी की गुंबदों के साथ इंडो-इस्लामिक वास्तुशिल्प से यह भवन इंडो-सरसेनिक शैली में प्रतीत होता है। भवन परिसर में लैंडस्केपिंग, पत्थर के फुटपाथ के साथ हार्डस्केप और लॉन, देशी पेड़, फव्वारे, वीवीआईपी, कर्मचारियों और अन्य लोगों के लिए पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह की योजना के तहत निर्माण किया गया है। वहीं सचिवालय में आगंतुकों के लिए सहायक भवनों, पुलिस कर्मियों, अग्निशमन विभाग, क्रेच, उपयोगिता भवन का भी निर्माण हो रहा है।

अंबेडकर की प्रतिमा का नया कीर्तिमान
तेलंगाना के इस नए सचिवालय के साथ ही डा. भीमराव अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसका अनावरण पिछले सप्ताह 14 अप्रैल को ही राज्य के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव और डा. अंबेडकर के पोते एवं वंचित बहुजन अघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने किया है। इस मूर्ति का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार एवं पद्म भूषण से सम्मानित राम वनजी सुतार ने किया है, जिसमें 474 टन वजन की कांस्य वाली प्रतिमा में 114 टन कांस्य का इस्तेमाल हुआ है। 26258 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाले इस परिसर के सौंदर्यकरण जैसे विकास पर 146.50 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसी परिसर में बुद्ध प्रतिमा और शहीद स्मारक का भी निर्माण किया गया है।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button