LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार गरीब और कमजोर वर्गो के लोगों के लिए आर्थिक मदद करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। ऐसी ही कई योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने वित्त वर्ष 2022-23 में फरवरी तक अनुसूचित जातियों के 2556 लाभार्थियों को 20 करोड़ 26.19 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई, जिसमें 165.71 लाख रुपये की सब्सिडी भी शामिल है।
निगम के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निगम द्वारा अनुसूचित जातियों से संबंधित लोगों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत ऋण मुहैया करवाया जाता है ताकि वे अपना कारोबार और स्व-रोजगार स्थापित कर सकें। इन श्रेणियों में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, व्यापार और कारोबार क्षेत्र तथा स्व-रोजगार क्षेत्र शामिल हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की सहायता से लागू योजनाओं के तहत भी उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
कृषि संबन्धी क्षेत्र में सब्सिडी
प्रवक्ता ने बताया कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के अंतर्गत 927 लाभार्थियों को डेरी फार्मिंग, भेड़ पालन, सूअर पालन और झोटा-बुग्गी के लिए 660.98 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है। इनमें से 601.37 लाख रुपये बैंक ऋण और 59.51 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में जारी किए गए हैं। इसी प्रकार, व्यापार और कारोबार क्षेत्र के अंतर्गत 41 लाभार्थियों को 21.90 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई गई जिसमें से 17.27 लाख रुपये बैंक ऋण, 2.44 लाख रुपये सब्सिडी और 2.19 लाख रुपये मार्जिन मनी के रूप में जारी किए गए।
स्वरोजगार योजना में 162 को लाभ
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) सहायता प्राप्त योजनाओं के तहत स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के तहत 162 लाभार्थियों को 148.90 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई। इसमें राष्ट्रीय अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष ऋण हिस्सा 115.55 लाख रुपये और हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का प्रत्यक्ष हिस्सा 25.69 लाख रुपये है। इसके अतिरिक्त, 7.66 लाख रुपये की सब्सिडी भी वितरित की गई। इसके अलावा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की सहायता से इस अवधि के दौरान 26 लाभार्थियों को 26.10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई गई।