

सदन में पारित विधेयकों में सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन पर भी लेगी पाबंदी
LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार ने अवैध तरीकों से युवाओं को विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की दिशा में नया कानून पारित किया है। वहीं हरियाणा में शवों के साथ प्रदर्शन और पार्थिव शरीर की बेकद्री रोकने के लिए हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक को भी विधानसभा में मंजूरी दी गई।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को पारित किये गये हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक 2025 को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि अब तक 127 मामले दर्ज किए गए हैं और 102 एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। आठ एजेंटों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस नए कानून वाले विधेयक का उद्देश्य ट्रैवल एजेंटों की गतिविधियों को विनियमित करना, उनकी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना और युवाओं को उनके शोषण से बचाना है। इसमें ट्रैवल एजेंटों का अनिवार्य पंजीकरण, मानव तस्करी में शामिल एजेंटों के लिए 7 से 10 साल तक की जेल की सजा और विदेशी सहयोग विभाग का गठन, जो युवाओं को सुरक्षित रूप से विदेश भेजने में मदद करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक युवाओं को अवैध एजेंटों के जाल में फंसने से बचाएगा और उन्हें सुरक्षित भविष्य प्रदान करेगा।

शव के साथ प्रदर्शन पर लगाम
हरियाणा में शवों के साथ प्रदर्शन और पार्थिव शरीर की बेकद्री रोकने के लिए बुधवार को विधानसभा में फिर से हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक पारित किया गया। अब यह बिल राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के माध्यम से मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की हरी झंडी मिलते ही नया कानून लागू हो जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा सदन के पटल पर रखे गये इस विधेयक में नए कानून के तहत शव के साथ सड़कों पर प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। अगर परिजन या रिश्तेदार शव को स्वीकार नहीं करते हैं तो संबंधित क्षेत्र के थानेदार अंतिम संस्कार कराएंगे। अगर कोई व्यक्ति या समूह शव के साथ प्रदर्शन करता है तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल तक कैद और एक लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा।
क्या हैं कानून के प्रावधान
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना अपराध होगा। अगर कोई व्यक्ति शव का सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करता है तो उसे एक लाख रुपये तक जुर्माने के साथ तीन साल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं, उकसाने वालों को भी सजा होगी। शव लेने के लिए अगर परिजनों द्वारा ठोस कारण बताया जाता है तो शव के अंतिम संस्कार के समय को 24 घंटे तक के लिए भी बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट से मंजूरी लेनी होगी। विधेयक में सम्मान के साथ शव का संस्कार 12 घंटों के भीतर करना अनिवार्य किया गया है। अगर किसी भी व्यक्ति ने शव की बेकद्री की तो थानेदार पार्थिव शरीर को कब्जे में लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराएंगे।
