हरियाणा: फरल के फल्गु तीर्थ पर शुरु हुआ लोक कला महोत्सव
लोक कलाकारों ने संस्कृति के रंग बिखेर मोहा दर्शकों का मन
LP Live, Kaithal: प्रसिद्ध फल्गु तीर्थ पर आयोजित तीन दिवसीय लोक कला महोत्सव का शुभारंभ लोक गायन संध्या से हुआ। इस महोत्सव में हरियाणा के लोक कलाकारों ने हरियाणवी संस्कृति, देश भक्ति और सामाजिक चेतना पर आधारित रागनियों और गीतों की प्रस्तुतियों से दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया।
हरियाणा में कैथल जिले के गांव फरल स्थित फल्गु तीर्थ पर कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा एवं फल्गु मंदिर सुधार समिति के संयुक्त तत्वावधान में शुरु हुए तीन दिवसीय लोक कला महोत्सव की शुरुआत हरियाणवी लोकगायन संध्या के साथ हुई। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रुप में दिल्ली के प्रमुख समाजसेवी विजय सिंगला, वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी, कुरूक्षेत्र जयभगवान सिंगला, सरपंच प्रतिनिधि साहब सिंह राणा तथा वकील सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर आयोजन समिति ने कार्यक्रम के अतिथियों, कवियों और कलाकारों का फूल माला,अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। इस कार्यक्रम में बतौर आमंत्रित अतिथि एवं रेडियो कलाकार रवि शर्मा ने ऑनलाइन शामिल होकर इस आयोजन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा के महानिदेशक अमित अग्रवाल को और सांस्कृतिक संवर्धन के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों ने फल्गु मंदिर सुधार समिति और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस महोत्सव को लेकर अपने विचार प्रकट किये। फल्गु मन्दिर सुधार समिति की ओर से सभी आमंत्रित अथितियों, लोकगायकों और दर्शकों का धन्यवाद करते हुए दिनेश शर्मा ने कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोगों में पूर्व सरपंच कुलदीप राणा, मोनू शर्मा, हर्ष राणा, कपिल सैनी तरसेम शर्मा के अतिरिक्त सैंकड़ों दर्शक उपस्थित रहे।
रागनी और गीतों ने बटोरी तालियां
लोकगायन संध्या की शुरुआत लोक कलाकार सुरेश भाणा ने हरियाणवी संस्कृति और लोक जीवन पर पंडित लख्मीचंद और जाट मेहर सिंह की कई रागिनियों की प्रस्तुति के साथ की। वहीं हरियाणा में विख्यात लोक कलाकार अमित मलिक ने देश भक्ति और सामाजिक चेतना पर आधारित पंडित मांगेराम के साथ-साथ अन्य प्रसिद्ध हरियाणवी कवियों की रागिनियों की प्रस्तुतियों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और तालियां बटोरी।