LP Live. New Delhi:
सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 64 के मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट में दायर याचिका में धारा 64 को महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाला बताया गया था। याचिका में कहा गया कि किसी व्यक्ति को जारी समन उसकी जगह परिवार की महिला स्वीकार योग्य नहीं है। इसके लिए सरकार के जारी अध्यादेशों को रद्द करने की भी मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय और विधि व न्याय मंत्रालय से जवाब तलब किया है। सीआरपीसी की धारा 64 को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में धारा 64 महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाली कहा गया है। इस धारा के अनुसार किसी व्यक्ति को जारी समन परिवार की महिला उसकी जगह पर स्वीकार करने के योग्य नहीं है।
मोरबी पुल हादसे पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को गुजरात में मोरबी पुल हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की। हादसे में 130 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। कोर्ट घटना के संबंध में गुजरात उच्च न्यायालय से समय-समय पर जांच और अन्य संबंधित पहलुओं की निगरानी करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को स्वतंत्र सीबीआई जांच, पर्याप्त मुआवजा संबंधी याचिकाओं के साथ हाईकोर्ट का रुख करने की अनुमति भी दी है।याचिका में घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के गठन की मांग की गई है।
पीडीएस घोटाले की होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें ‘नागरिक आपूर्ति निगम’ या पीडीएस घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले को छत्तीसगढ़ के बाहर स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि ईडी की याचिका को न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज फिर से सूचीबद्ध किया गया है।