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सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान को मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रदान किए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

फिल्में जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने का सबसे प्रभावी माध्यम हैं: राष्ट्रपति
LP Live, New Delhi: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। इनमें उन्होंने सुश्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के लिए दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया। इसके अलावा फिल्म से जुड़ी कई दर्जन हस्तियों को पुरस्कार से नवाजा गया है।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुश्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया, तो वहीं राष्ट्रीय एकता पर बनी ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को नरगिस दत्त पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके अलावा अल्लू अर्जुन, आलिया भट्ट और कृति सेनन बनें बेस्ट एक्टर, पंकज और पल्लवी को सपोर्टिंग पुरस्कार, देवी श्रीप्रसाद (पुष्पा-2) को गाने के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर पुरस्कार, एमएम कीरवानी को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन, रॉकेट्री को बेस्ट फीचर फिल्म, निखिल महाजन (गोदावरी) को बेस्ट डायरेक्टर, आरआरआर फिल्म को बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट, शेरशाह, विष्णुवर्धन को स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड- शेरशाह, विष्णुवर्धन, बेस्ट चाइल्ट आर्टिस्ट: भाविन रबारी ( छैलो शो), काला भैरव (आरआरआर) को बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर, सरदार उधम मको बेस्ट हिंदी फिल्म, 777 चार्ली को बेस्ट कन्नड़ फिल्म, छैलो शो को बेस्ट गुजराती फिल्म, श्रेया घोषाल व इराविन निजल को बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर तथा दुआ को नॉन फीचर स्पेशल पुरसकर देकर सम्मानित किया गया।

वहीदा रहमान के किरदार को सराहा
राष्ट्रपति ने सुश्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई दी और कहा कि वह अपनी प्रतिभा और व्यक्तित्व से फिल्म उद्योग के शिखर पर पहुंची हैं। उन्होंने अपना निजी जीवन भी गरिमा, आत्मविश्वास और मौलिकता के साथ जिया है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में चुनीं जिनमें उनके किरदार ने महिलाओं से जुड़ी बाधाओं को तोड़ा। उन्होंने मिसाल कायम की है कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद पहल करनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाली पल्लवी जोशी, आलिया भट्ट और कृति सेनन ने अपनी फिल्मों में सशक्त महिला पात्र निभाए हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि निर्देशक सृष्टि लखेरा ने अपनी पुरस्कार विजेता फिल्म ‘एक था गांव’ में एक 80 वर्षीय महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि महिला पात्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान भी बढ़ेगा।

समाज को दिशा देने वाली फिल्में
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाली फिल्मों में जलवायु परिवर्तन, मानव (कन्या) तस्करी, नारी उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और सामाजिक शोषण जैसी समस्याओं को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों के प्रकृति और कला से प्रेम, महात्मा गांधी के आदर्शों की स्थापना, विपत्तियों के बीच अदम्य उत्साह से संघर्ष करना, शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों जैसे विभिन्न विषयों पर अच्छी फिल्में बनाई गई हैं। राष्ट्रपति ने समाज और सिनेमा में प्रभावशाली योगदान देने के लिए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की विजेता फिल्मों से जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि फिल्म बिरादरी वैश्विक स्तर की उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करना जारी रखेगी और भारतीय फिल्में विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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