सीबीआई करेगी अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने की 144 करोड़ का घोटाले की जांच की सिफारिश


मंत्रालय की जांच में मदरसों समेत 830 संस्थान में छात्र और बैंक खाते फर्जी पाए गए
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक कल्याणकारी योजनाओं में देश के विभिन्न राज्यों में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति स्कीम भी चलाई जा रही है, जिसमें 144 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिये है।
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में घोटाले में कई राज्यों में फर्जी लाभार्थी, फर्जी संस्थान और फर्जी नामों से बैंक खाते बनाकर कई करोड़ रुपयों का घोटाला किए जाने का खुसाला हुआ है। इस खुलासे के तहत देश के विभिन्न राज्यों में मदरसों समेत 1572 अल्पसंख्यक संस्थानों की जांच पड़ताल के बाद 830 फर्जी और नॉन-ऑपरेशनल पाए गए, जिनके नाम पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की राशि ली जा रही थी। यह घोटाला पिछले करीब पांच वर्ष के दौरान की जांच में सामने आया है। इस जांच के बाद अल्पसंख्यक मंत्रालय ने गत 10 जुलाई को सीबीआई में एक शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि 34 राज्यों के 100 जिलों में मंत्रालय ने आंतरिक जांच कराई है। इनमें से 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में 830 संस्थान फर्जी पाए गए हैं। इन सभी संस्थानों के खाते सीज करने के आदेश दिए गए हैं। लगभग 53 प्रतिशत फर्जी अभ्यर्थी मिले हैं। पिछले सिर्फ 5 साल में मात्र 830 संस्थान में ही 144.83 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। हालांकि बाकी संस्थानों की भी जांच जारी है। गौरतलब है कि 2007-8 में शुरु हुई अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की योजना में अब तक हजारों करोड़ के घोटाले का आकलन किया जा चुका है। अल्पसंख्यक मंत्रालय एक लाख 80 संस्थानों को स्कॉलरशिप देता है।

जिम्मेदारों पर लटकी तलवार
मंत्रालय की जांच में फर्जी लाभार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति के वास्तविक लाभार्थियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने और खजाने को 144 करोड़ रुपये के नुकसान की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। इन संस्थानों के संस्थानों के नोडल अधिकारियों की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं, जिन्होंने फर्जी मामलों का सत्यापन किया है। यही नहीं बैंकों लाभार्थियों के लिए फर्जी खाते खोलने की अनुमति देने वाले बैंक भी जांच के दायरे में हैं।
