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संसद का मानसून सत्र शुरु: लोकसभा में पेश हुआ आर्थिक सर्वे

वित्तीयवर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान

देश में मुद्रास्फीति की दर भी काफी हद तक नियंत्रण में
LP Live, New Delhi: अठारहवीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का पहला मानसून सत्र सोमवार को शुरु हो गया है। इस सत्र में कल मंगलवार को केंद्रीय बजट भी पेश किया जाएगा। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया। सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं देश में मुद्रा स्फीति की दर भी काभी हद तक नियंत्रण में बताई गई है।

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बजट सत्र के रुप में सोमवार को हो गई है, जिसमें बजट सत्र में हर साल की तरह सोमवार को पहले दिन केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया। इसमें वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक प्रदर्शन का विस्तार से विश्लेषण दिया गया है। इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है यानी राज्यसभा में वित्त मंत्री आर्थिक सर्वे को सदन के पटल पर रखेंगी। सर्वे में पिछले 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए डेवलपमेंट की रिव्यू होता है। वित्त वर्ष 2024 में वास्तविक रूप से जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में
सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में मजबूती दिखा रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड के बाद की अपनी रिकवरी को मजबूत किया है, जिससे आर्थिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हुई। फिर भी, लोगों की आकांक्षाओं को देखते हुए देश के लिए परिवर्तन ही एकमात्र स्थिरता है। सर्वे के अनुसार जून में एक नई सरकार ने पदभार संभाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार तीसरे कार्यकाल के लिए ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में लौटी। अभूतपूर्व तीसरा लोकप्रिय जनादेश राजनीतिक और नीतिगत निरंतरता का संकेत देता है। रिकवरी को बनाए रखने के लिए घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी। व्यापार, निवेश और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर समझौते तक पहुंचना काफी कठिन हो गया है।

काफी नियंत्रण में महंगाई की दर
सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुख्य मुद्रास्फीति दर काफी हद तक नियंत्रण में है। हालांकि कुछ खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दर बढ़ी हुई है। वित्त वर्ष 2024 में व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम था, और वर्ष के लिए चालू खाता घाटा जीडीपी का लगभग 0.7 प्रतिशत है। चालू खाते ने वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में अधिशेष दर्ज किया। सर्वे में कहा गया है, विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है। सार्वजनिक निवेश के चलते पिछले कई वर्षों मंझ पूंजी निर्माण बना है, जबकि निजी क्षेत्र ने अपनी बैलेंस शीट की समस्याओं को दूर किया और वित्त वर्ष 2022 में निवेश करना शुरू किया। अब उसे सार्वजनिक क्षेत्र से कमान लेनी होगी और अर्थव्यवस्था में निवेश की गति को बनाए रखना होगा। सर्वे में कहा गया है कि संकेत उत्साहजनक हैं।

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