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राष्ट्रपति ने वितरित किये डिजिटल इंडिया पुरस्कार

कृषि मंत्रालय की ई-नाम योजना को मिला प्लेटिनम पुरस्कार

डिजिटल का उद्देश्य सामाजिक न्याय होना चाहिए: राष्ट्रपति मुर्मु
LP Live, New Delhi: डिजिटल इंडिया पुरस्कार पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि सामाजिक न्याय डिजिटल नवाचारों का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में तभी विकसित होगा जब प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से डिजिटल असमानता को काफी हद तक पाट दिया जाएगा। कृषि मंत्रालय की पहल ई-नाम ने डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी में प्लेटिनम पुरस्कार जीता है।

यह बात राष्ट्रपति ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में डिजिटल इंडिया पुरस्कारों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए कही। डिजिटल इंडिया पुरस्कारों के सातवां संस्करण में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि डिजिटल इंडिया पुरस्कार न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्टअप्स को भी डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए स्वीकार, प्रेरित और प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलने की दिशा में एक कदम हैं, जहां डिजिटल शासन प्रणाली के प्रभावी उपयोग से लोगों की क्षमता का पता चलता है। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं से कहा कि लोगों को लाभान्वित करने के लिए किए गए विविध प्रकार के नवाचारों-नागरिक सशक्तिकरण और डेटा साझाकरण मंच से लेकर व्यापार करने में आसानी हुई है। समारोह में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक प्रमुख पहल ई-नाम ने डिजिटल नागरिक सशक्तिकरण श्रेणी में प्लेटिनम पुरस्कार जीता है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 में यह पुरस्कार कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. एन. विजय लक्ष्मी, संयुक्त सचिव को प्रदान किया।

डिजिटल अंत्योदय की यात्रा
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत डिजिटल अंत्योदय की हमारी यात्रा में समाज के कमजोर और हाशिए पर रह रहे वर्गों को शामिल करने, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को मजबूत करने में सहायक बन रहा है। उन्होंने दुनिया को अधिक सुलभ और न्यायसंगत स्थान बनाने के लिए अभिनव समाधान खोजने के लिए सहयोगी मंच बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें प्रचलित नीतियों का लाभ उठाना चाहिए और नई मेड-इन-इंडिया तकनीकों का निर्माण करके देश को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादों के लिए वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए ईकोसिस्टम को सक्षम बनाना चाहिए।

स्टार्टअप को बढ़ावा
राष्ट्रपति ने कहा कि नया ज्ञान, अंतर्दृष्टि और इस प्रकार समाधान बनाने के लिए डेटा एक आधारशिला है और आवेदन के पूरे नए क्षेत्रों की ओर ले जाता है। हमें सरकारी डेटा के उपयोग को लोकतांत्रित बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि उत्साही युवा इस प्रौद्योगिकी का उपयोग स्थानीयकृत डिजिटल समाधान बनाने के लिए कर सकें। राष्ट्रपति ने सरकारी संस्थाओं द्वारा जमीनी स्तर पर और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स के सहयोग से की गई अभिनव पहलों को देखकर प्रसन्न व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें सभी नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए अभिनव समाधान प्रस्तुत करने के लिए स्वयं के लिए चुनौती प्रस्तुत करनी होगी, चाहे वह न्यायपालिका हो, भूमि पंजीकरण हो, उर्वरक हो या सार्वजनिक वितरण प्रणाली हो।

ई-नाम पोर्टल ने किसानों को जोड़ा
ई-नाम 22 राज्यों और 3 संघ राज्य क्षेत्रों में 1260 एपीएमसी मंडियों को एकीकृत करने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, ताकि 203 कृषि और बागवानी जिंसों के ऑनलाइन व्यापार की सुविधा मिल सके जिससे किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। ई-नाम मंडी प्रचालनों के डिजिटल परिवर्तन और कृषि जिंसों के ई-ट्रेडिंग को अभिप्रेरित कर रहा है। 31 दिसंबर 2022 तक 1.74 करोड़ से अधिक किसानों और 2.39 लाख व्यापारियों को ई-नाम पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है। ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 2.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 69 मिलियन मीट्रिक टन का कुल व्यापार दर्ज किया गया है।

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