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राज्यसभा के नवनिर्वाचित सांसदों ने पढ़ा संसदीय पाठ

संसद में शुरु हुआ दो दिवसीय विषय-बोध कार्यक्रम

सभापति जगदीप धनखड़ ने मर्यादित आचरण पर दिया बल
LP Live, New Delhi: संसद परिसर स्थित संसदीय सौंध में नए सांसदों को संसदीय प्रणाली और नियमों का ज्ञान देने के लिए ‘डिजिटल और पर्यावरण-अनुकूल (डिजी-को)’ विषय पर शुरु हुए दो दिवसीय बोध कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद उप राष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सदस्यों का देश के विकास में अहम योगदान होता है। इसलिए सांसदों को सदन में संसदीय गरिमा और नियमों के तहत अपने मर्यादित आचरण के साथ सदाचार व सद्भाव के साथ निर्णायक भूमिा निभाने की आवश्यकता है।

संसद भवन में संसदीय सौंध के सभागार में शनिवार को शुरु हुए दो दिवसीय विषय-बोध कार्यक्रम का उद्घाटन के बाद अपने स्वागत भाषण में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े जीवंत लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद सदाचार और सद्भाव के साथ मूल मुख्य और निर्णायक भूमिका होती है। संसद के निर्वाचित सदस्यों को संसदीय मर्यादाताओं के बीच अपने आचरण को उत्तम और सर्वश्रेष्ठ बनाकर समर्पित भाव से जन सेवा करने की जरुरत होती है। इसलिए हमें संसदीय प्रणाली को राजनीतिक दल की भूमिका से आकलन करके नहीं देख चाहिए। राजनीति करना स्वस्थ प्रजातंत्र के लिए आवश्यक है, लेकिन इसके लिए जनप्रतिनिधियों को राष्ट्र से जुड़े हुए मुद्दों को देखकर, राष्ट्रहित को देखकर, राष्ट्रवाद को समर्पित करते अपनी कसौटी पर खरा उतरना आवश्यक है। लेकिन आज के हालात चिंताजनक हैं, जहां संसद में अमर्यादित आचरण राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जो प्रजातंत्र की मूल भावना पर कुठाराघात से कम नहीं है। इसलिए उच्च सदन के नए सदस्यों से उम्मीद है कि वे अपने आचरण को मर्यादित व शिष्टाचार पूर्ण रखेंगें। इससे हमारी हमारी गरिमा बनेगी और जनता में विश्वास कायम होगा। उन्होंने नए सांसदों को संसदीय नियमों के तहत सदन में प्रश्नकाल, पूरक सवाल, शून्यकाल, विशेष उल्लेख, अल्पकालिक चर्चा, बहस और मुद्दे उठाने के नियमों की जानकारी देते हुए उनके अधिकारों की भी जानकारी दी।

सांसदों को अलग अलग प्रक्रियाओं का मलेगा ज्ञान
राज्यसभा के इस कार्यक्रम में वर्तमान अनुभवी सदस्य दो दिवसीय विषय-बोध कार्यक्रम में संसद और विशेष रूप से राज्य सभा की प्रक्रियाओं और कार्यकरण के संबंध में नए सदस्यों का मार्गदर्शन करेंगे। जहां राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ‘संसदीय राजनय सहित संसदीय कार्यवाही में भाग लेने के लिए सांसदों से अपेक्षाएं’ विषय पर बोलेंगे, तो वहीं अलग अलग सत्रों में वरिष्ठ सांसद सस्मित पात्रा ‘विधि-निर्माण प्रक्रिया’, एस. निरंजन रेड्डी ‘संसदीय विशेषाधिकार’ डेरेक ओब्राईन ‘संसदीय युक्तियां’, पूर्व सांसद राकेश सिन्हा ‘राज्य सभा: भारतीय राजव्यवस्था में इसकी भूमिका और योगदान’, सांसद नारायण दास गुप्ता ‘राजनीति में आचार संहिता: सदस्यों के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’, डा. फौज़िया खान ‘प्रश्न काल’ तथा तिरुची शिवा’समिति प्रणाली’ पर नए सांसदों का ज्ञानवर्धन करेंगे।

सिंहावलोकन की प्रस्तुति
राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी, महासचिव राज्य सभा सचिवालय का सिंहावलोकन प्रस्तुत करेंगे। जबकि राज्य सभा सचिवालय में सचिव रजित पुनहानी, ‘संसद सदस्य वेतन, भत्ता और सुविधाएं’, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सचिव डा. सौरभ गर्ग ‘संसद सदस्य–स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’, सचिव (मानव संसाधन) डा. वंदना कुमार ‘राज्य सभा के समारोहों, कार्यक्रमों और सुविधाओं की जानकारी’ पर अपना प्रबोधन देंगे। इसके अलावा संयुक्त सचिव (प्रणाली और क्षमता निर्माण प्रभाग) और सीआईएसओ डा. कुशल कुमार पाठक, ‘प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा’ पर नए सांसदों को जानकारी देंगे।

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