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यूपी सरकार ने बाढ़ और आपदाओं से निपटने के लिए कसी कमर

सीएम योगी के बाढ़ प्रबन्धन जैसे कार्यो की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

बाढ़ से प्रभावित जिलों में 113 बेतार केन्द्र अधिष्ठापित,एक्शन मोड पर आपदा प्रबंधन टीमें
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बाढ़ प्रबंधन और जन जीवन सुरक्षा के मद्देनजर समीक्षा के दौरान संबन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये और इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को अपने सरकरी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ प्रबन्धन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए किए गए प्रयासों के अच्छे नतीजे रहे और अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण द्वारा बेहतर समन्वय स्थापित करने को कहा है जाए। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई हैं। अति संवेदनशील के रूप में चिन्हित 17 जनपदों के 37 तटबन्धों का अनुरक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सभी अतिसंवेदनशील तटबन्धों पर प्रभारी अधिकारी और सहायक अभियन्ता नामित किये जा चुके हैं। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत निगरानी की जा रही है।

दो दर्जन जिले अति संवेदनशील
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से महराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी जैसे 24 जिले अति संवेदनशील श्रेणी में शामिल हैं। जबकि जनपद सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं। अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने हेतु राहत सामग्री के पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण करने के निर्देश दिये। इसके लिए उन्होंने जल शक्ति मंत्री, दोनों राज्य मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों को अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण व बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिये।

नियंत्रण कक्ष एक्टिव
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपदों में 113 बेतार केन्द्र अधिष्ठापित किए गए हैं। इसलिए राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव मोड में रखने को कहा है। उन्होंने कहा बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति की नियमित मॉनीटरिंग करने के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसीफ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जाएं, जिनकी तैनाती के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार करने पर बल दिया।

चिकित्सकीय मदद की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट तैयार कर जिलों में पहुंचाई जाए। क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस तथा बुखार आदि की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सर्प दंश की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद प्रदान की जाए। बाढ़ के दौरान जलभराव से प्रभावित जनपदों में पशुओं की सुरक्षा के प्रबन्ध किये जाएं। वहीं बाढ़ के समय पशुओं को अन्यत्र कहीं सुरक्षित स्थान पर रखने और निराश्रित गोआश्रय स्थलों में पशु चारे तथा पशुओं का टीकाकरण समय से पूर्ण करने पर बल दिया।

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