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यूपी: लापरवाह नौकरशाही पर ऐसे चला योगी सरकार का चाबुक!

एसडीएम से लेकर कांस्टेबल तक दर्जनों पर गिरी निलंबन की गाज, चकबंदी अधिकारी बर्खाश्त

देवरिया प्रकरण में लापरवाह तहसीलदारों, क्षेत्राधिकारी के खिलाफ होगी विभागीय कार्यवाही
LP Live, Lucknow: यूपी के देवरिया जिले में घटित प्रकरण को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने गंभीरता से लिया है, जिसमें प्रशासनिक, राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है, जिनमें खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरु कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश में अन्य जिलों में भी लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई शुरु की गई है।

उत्तर प्रदेश शासन की रिपोर्ट में जनपद देवरिया की तहसील एवं थाना रूद्रपुर स्थित ग्राम फतेहपुर में घटित घटना के संबंध में दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों की घोर लापरवाही एवं कर्तव्यपालन में शिथिलता संज्ञान में आयी है। उक्त विवाद के संबंध में स्व.सत्य प्रकाश दुबे द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा के संबंध में आईजीआरएस के अंतर्गत अनेक शिकायतें मुख्यमंत्री संदर्भ के रूप में आनलाइन पुलिस विभाग और राजस्व विभाग को भेजी गई थीं तथा दोनो विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा गम्भीरतापूर्व संज्ञान लेकर निस्तारण नहीं कराया और घोर लापरवाही की है।

इन अधिकारियों व कर्मचारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्तमान उपजिलाधिकारी योगेश कुमार गौड़ एवं क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर जिलाजीत को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। मौजूदा तहसीलदार अभय राज को निलंबन के साथ आरोप पत्र जारी किया गया है। वहीं तत्कालीन तहसीलदार रामाश्रय, सम्प्रति तहसीलदार जनपद बलरामपुर तथा तहसीलदार रूद्रपुर केशव कुमार, विशाल नाथ यादव (राजस्व निरीक्षक), राजनन्दनी यादव (क्षेत्रीय लेखपाल), अखिलेश (लेखपाल) के अलावा पूर्व में आईजीआरएस के संदर्भों में निस्तारण में लापरवाही के लिये उत्तरदायी पाए गए का. कैलाश पटेल, कॉन्स्टेबल राम प्रताप कन्नौजिया, सुभाष यादव एवं उ.नि. सुनील कुमार, पूर्व प्रभारी निरीक्षक, रूद्रपुर को निलंबित करने के अलावा विभागी कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। जबकि पूर्व उपजिलाधिकारी रहे राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला एवं संजीव कुमार उपाध्याय के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम एवं सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक रामानन्द पाल, विशाल नाथ यादव (राजस्व निरीक्षक), राजनन्दनी यादव (क्षेत्रीय लेखपाल), अखिलेश (लेखपाल) को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही की जाए। इस प्रकरण में पुलिस महकमे के प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार सिंह, हल्का प्रभारी/उप निरीक्षक जयप्रकाश दुबे] हेड कॉन्स्टेबल राजेश प्रताप सिंह और कॉन्स्टेबल अवनीश चौहान को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरु की जा रही है।

चकबंदी अधिकारी नौकरी से किया बर्खास्त
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी मिथिलेश कुमार, सहायक चकबंदी अधिकारी अफजाल अहमद खां, तीन चकबंदी लेखपाल शिवेश सिंह, शीलवंत सिंह, रवि किरन सिंह और चकबंदीकर्ता राम आसरे को निलंबित कर दिया है। वहीं अनियमितता एवं अनुशासनहीनता पर चकबंदी अधिकारी देवराज सिंह की सेवा समाप्त कर दी गयी है। जबकि एटा के सहायक चकबंदी अधिकारी सतीश कुमार को पदावन्नत करते हुए मूल वेतन पर नियुक्त किया है। इसी तरह चकबंदी योजना तैयार करने में नियमों का उल्लघंन करने एवं लापरवाही पर शामली, हरदोई के सहायक चकबंदी अधिकारी अनंगपाल सिंह और गजराज को निलम्बित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है। वहीं चकबंदी में गड़बड़ी की शिकायत पर गठित जांच निदेशालय की टीम की संतुति पर मऊ के चकबन्दीकर्ता तथा चकबन्दी लेखपाल को निलम्बित करने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं बस्ती और हरदोई के चकबंदी अधिकारी शरदचन्द्र यादव और प्रेम प्रकाश भारती के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। इसके साथ ही गोरखपुर के रिटायर बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।

इनके खिलाफ भी लिया गया सख्त एक्शन
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि कुछ समय पहले प्रतापगढ़ के ग्राम शिवरा में चकबंदी में लापरवाही की शिकायत मिली थी। इस पर जांच के लिये निदेशालय स्तर से समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर चकबन्दी अधिकारी ओमकार शरण सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी के साथ जौनपुर के उप संचालक चकबंदी अधिकारी सोमनाथ मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जबकि पूर्व तत्कालीन बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी शीतलेन्द्र सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही के लिए शासन से अनुमति मांगी है। इसके अलावा पिछले एक माह में चकबंदी आयुक्त ने अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सात चकबंदी अधिकारी सुनील अग्रवाल, धीरेन्द्रजीत सिंह, अच्छेलाल, कल्याण प्रताप सिंह, रमेश बाबू, ललित कुमार व रामकिशोर सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। जिसमें सुनील अग्रवाल व रामकिशोर सिंह को अनियमितता को दोषी पाते हुए निलंबित किया गया है। वहीं धीरेन्द्रजीत सिंह को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज करायी गयी है। इतना ही नहीं सुनील कुमार, सहायक चकबन्दी अधिकारी, बरेली तथा अशोक कुमार लाल, सहायक चकबंदी अधिकारी, कौशाम्बी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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