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यूपी में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को लगे पंख

सभी 18 ट्रेड्स में अब तक आए 76 हजार आवेदन

सत्यापन के बाद चयनित अभ्यार्थियों को दी जाएगी ट्रेनिंग, टूलकिट की खरीद को मिलेंगे 15 हजार रुपए
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश के कारीगरों (विश्वकर्मा) को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए शुरू हुई पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम विश्वकर्मा’ को बेहद पसंद किया जा रहा है। यूपी में सितंबर में लागू हुई इस योजना में अब तक सभी 18 ट्रेड्स में प्रशिक्षण के लिए करीब 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका सत्यापन करने की प्रक्रिया जारी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी द्वारा शुरु की गई ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना 17 सितंबर को शुरु की गई। इस योजना के तहत कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 18 ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए चयनित अभ्यर्थियों को ई वाउचर के रूप में टूलकिट की खरीद के लिए 15 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं बैंक के माध्यम से उन्हें लोन दिलाने के लिए कार्यवाही की जाएगी। उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना में अब तक सरकार को सभी ट्रेड के लिए 76 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

दर्जी ट्रेड में सर्वाधिक आवेदन
यूपी में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत अब तक आए आवेदनों में सर्वाधिक 42 हजार से अधिक आवेदन दर्जी ट्रेड में प्राप्त हुए हैं। इसी तरह मिस्त्री ट्रेड में करीब 9000, बढ़ई ट्रेड में करीब 7 हजार, लोहार ट्रेड में करीब 4 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। नाई ट्रेड में 2600 से अधिक, मालाकार में 1500 से अधिक, हैमर और टूल किट मेकर ट्रेड में 1300 से अधिक और धोबी व टॉय मेकर में एक-एक हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। यही नहीं फिशिंग नेट मेक,बास्केट मेकर और कॉबलर ट्रेड में भी अच्छी-खासी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन सभी ट्रेड में मिले आवेदनों का सत्यापन कार्य जारी है और सत्यापन पूर्ण होने पर इन्हें कौशल विकास से जोड़ा जाएगा, जिसके बाद इनकी आर्थिक सहायता कर इन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य किया जाएगा।

तीन स्तर पर होगा सत्यापन
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभ लेने की जो प्रक्रिया निर्धारित की गई है, उसके अनुसार सबसे पहले लाभार्थी को आवेदन करना होगा जिसके बाद तीन स्तर पर (पंचायत या यूएलबी, जिला और राज्य) सत्यापन की कार्यवाही होगी। लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड मिलेगा। वहीं लाभार्थी की डिटेल को एमएसडीई को भी भेजा जाएगा। चयनित लोगों को 15 दिन या इससे अधिक की एडवांस स्किल ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। प्रशिक्षित को एक लाख रुपए के प्रारंभिक वित्त अंश के लिए आवेदन की जानकारी को बैंक से साझा किया जाएगा। क्रेडिट रिपोर्ट देखने के बाद बैंक लाभार्थी को एक लाख रुपए का लोन प्रदान करेंगे। डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए लोन चुकाने वाले और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग लेने वाले लाभार्थी 2 लाख रुपए के दूसरे लोन के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। यूपी सरकार ने इस योजना के क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, एडवरटाइजिंग, पब्लिसिटी और दूसरी मार्केटिंग पहलों के लिए 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।

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