मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को दीवाली से पहले तोहफा
चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की वृद्धि से वेतन में हुई बढ़ोतरी
गैर राजपत्रित रेलकर्मियों को 78 दिन की सैलरी के बराबर मिलेगा बोनस
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने दीवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी वृद्धि करके उन्हें दीवाली का तोहफा दिया है। वहीं सरकार ने गैर राजपत्रित रेलवे के कर्मचारियों को 78 दिन की सैलरी के बराबर बोनस देने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने 1 जुलाई, 2023 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी। मूल्य वृद्धि की भरपाई के लिए मूल वेतन और पेंशन के 42 प्रतिशत की मौजूदा दर पर 4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के मुताबिक है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। डीए और डीआर दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त रूप से 12,857 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का बोझ पड़ेगा। इससे करीब केंद्र सरकार के 48.67 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। वहीं यह भी फैसला लिया गया कि नॉन गजेटेड रेलवे कर्मियों के लिए 78 दिन की सैलरी के बराबर बोनस त्योहारों के अवसर पर दिया जाएगा।
रबी की फसलों का एमएसपी बढ़ी
कैबिनेट की बैठक में रबी की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को निर्धारित करने का निर्णय किया गया है। तिलहन और सरसों में एमएसपी में 200 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। गेहूं के लिए 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। चने के लिए 105 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की गई है।
नवीकरणीय ऊर्जा नीति
सरकार ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 13 गिगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा विकसित करने की नीति बनाई है। नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े सौर प्लांट के संचरण के लिए लाइन होनी बहुत आवश्यक है। 5 गिगावॉट की क्षमता वाली लाइन को लद्दाख से मुख्य ग्रेड तक लाने के लिए मंजूरी दी गई है, जिसकी अनुमोदित लागत 20,773 करोड़ रुपये है। ये लाइन लद्दाख से हरियाणा के कैथल तक आएगी। इस परियोजना की कुल लागत का 40 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान से उपलब्ध कराया जाएगा और बाकी 60 प्रतिशत की व्यवस्था पावर ग्रेड करेगा।