मुख्यमंत्री योगी ने किया स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ
बच्चों बीमारी से बचाने को चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान
मुख्यमंत्री ने स्कूल रेडीनेस और शिक्षक संदर्शिका का भी किया विमोचन
LP Live, Lucknow: एक भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहने पाए और कोई भी बच्चा किसी भी संचारी रोग की चपेट में न आए। ये जिम्मेदारी हम सबकी है। बच्चों को स्कूल लाना है, उसके अभिभावक को तैयार करना है जिससे हम प्रदेश के अंदर साक्षरता को शत प्रतिशत कर सकें। शत प्रतिशत साक्षरता प्रदेश के लिए एक बड़ी पूंजी होगी। स्कूल चलो अभियान-2023 और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत के साथ ही शनिवार को सीएम योगी ने लोकभवन में वेक्टर कंट्रोल वाहनों का भी फ्लैग ऑफ किया। सीएम योगी के फ्लैग ऑफ करते ही ये वेक्टर कंट्रोल वाहन अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो गए।
यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल चलो अभियान-2023 तथा संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें प्रदान कीं। वहीं निपुण असेसमेंट में उत्तीर्ण छात्रों को रिपोर्ट कार्ड भी प्रदान किया। स्कूल रेडीनेस और शिक्षक संदर्शिका का भी विमोचन किया। इसके अलावा मिशन शक्ति के अंतर्गत रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत के अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ हमने पहली जुलाई 2017 में कुकरैल में किया था। यह कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा। इसका सकारात्मक नतीजा रहा कि कि बच्चों के नामांकन की जो संख्या जुलाई 2017 में एक करोड़ 34 लाख थी, वो आज बढ़कर 1.92 करोड़ पहुंच गई है। निपुण भारत अभियान के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय, प्रत्येक ब्लॉक, प्रत्येक जनपद को निपुण घोषित करने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा प्रारंभ हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में हम क्वालिटी देने की स्थिति में पहुंच चुके हैं। इस दौरान कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह,अपर मुख्य सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार और प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थसारथी सेन शर्मा उपस्थित रहे।
यूपी में 1.60 लाख शिक्षकों की हुई नियुक्ति
योगी ने कहा कि प्रदेश में पिछले छह साल में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में हमने 1.60 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की है। सीएम ने शिक्षकों को उनके दायित्व का भी बोध कराते हुए कहा कि स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के साथ ही हमारा दायित्व बनता है कि हर शिक्षक, हर प्रधानाध्यापक जिस वार्ड या ग्राम पंचायत में स्कूल है वहां के सभी मानिंदों के साथ बैठक करे, उनका सहयोग भी ले। अभिभावकों के साथ बैठक करें। अच्छा होगा कि घर-घर जाकर एक-एक घर की स्क्रीनिंग करें। उनका एक डाटाबेस तैयार करें। विद्यालय के पास अपनी ग्राम पंचायत का रिपोर्ट कार्ड होना चाहिए। सभी जिलाधिकारी सुनिश्चित करें कि एक नोडल अधिकारी तैयार करें जो बीएसए के साथ मिलकर हर विकास खंड और हर ग्राम पंचायत में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएं।
संचारी रोग नियंत्रण में मॉडल बना यूपी
संचारी रोगों पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश नो क्लाइमेटिक जोन का प्रदेश है। अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग बीमारी भी आती है। आप देखेंगे कुशीनगर, गोरखपुर से लेकर नेपाल की तराई से सहारनपुर तक मस्तिष्क ज्वर का कहर कभी इस क्षेत्र में हजारों बच्चों को हर वर्ष निगल लेता था। आज से ठीक 5 वर्ष पहले एक अप्रैल 2018 को संचारी रोग नियंत्रण का शुभारंभ किया। इन कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के विभागों के साथ भारत सरकार और यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाओं का योगदान रहा। आज संचारी रोग नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश का यह मॉडल पूरे देश के सामने एक अच्छे परिणाम के रूप में सामने आया है। आज इंसेफेलाइटिस को अंतर विभागीय समन्वय के कारण पूरी तरह नियंत्रित किया जा चुका है।
स्कूलों में चलाएं स्वच्छता कार्यक्रम
संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम और स्कूल चलो अभियान की एक साथ शुरुआत को लेकर सीएम योगी ने कहा कि इन बीमारियों की चपेट में ज्यादातर बच्चे आते थे। इसीलिए स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग नियंत्रण का यह कार्यक्रम एक साथ आयोजित किया गया है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका स्वच्छता और शुद्ध पेयजल की है। इसमें शिक्षकों का रोल भी महत्वपूर्ण है। उनका काम केवल स्कूल में पाठ्यक्रम पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अभिभावक के साथ भी संवाद बनाना होगा। शिक्षक गृह भ्रमण के दौरान देखें कि घर के आसपास गंदगी तो नहीं है। इस विषय पर भी वो अभिभावकों से संवाद करें।