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भारत व अमेरिका ने की जमीन से आसमान तक डील

दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों से बढ़ेगी भारत की ताकत

पीएम मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं से रिश्ते हुए प्रगाढ़
LP Live, New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान दोनों देशों के रक्षा, रेलवे, अंतरिक्ष, स्टार्टअप्स, तकनीकी जैसे अनेक क्षेत्रों में कई समझौते हुए है, जिससे दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबन्धों को नया आयाम मिला है। इसी बीच भारत में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की खरीद पर होने वाले समझौते पर दोनों देशों के बीच करार हो गया है। यानी दोनों देशों के बीच जमीन से आसमान तक के करार हुए हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नर्रेन्द्र मोदी के बीच हुई वार्ताओं के दौरान भारत की बढ़ती ताकत को अमेरिका ने स्वीकारा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय बातचीत के दौरान आठ अहम समझौतों पर को अंतिम रुप दिया गया। इन समझौतों पर मुहर लगने के बाद भारत-अमेरिका के बीच के संबंध और भी मजबूत हो जाएंगे। इन समझौतों की पुष्टि दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान की। दोनों देशों के बीच आठ ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करार हुए, जिनसे पडोसी पाकिस्तान और चीन असमंजस की स्थिति में आ गये हैं। खासतौर से 29 हजार करोड़ रुपये में 30 एमक्यू-9 रीपर ड्रोन यानी लड़ाकू ड्रोन की खरीद से चीन ज्यादा परेशान है, क्योंकि इन्हें हिंद महासागर, चीनी सीमा के साथ अन्य अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात किया जाएगा।

इन महत्वपूर्ण समझौतों पर भी मुहर
रक्षा के क्षेत्र में एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की खरीद के करार के अलावा भारत में लड़ाकू जेट इंजन के साझा निर्माण के लिए अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और भारत की एचएएल कंपनी के बीच समझौता हुआ। इस समझौते के तहत भारत में का इंजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा, जिसके बाद फाइटर जेट के इंजन भारत में बनने शुरु हो जाएंगे। इस कंपनी में भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट तेजस के मेक-2 का एफ 414 इंजन बनाया जाएगा। इसके तहत अब दोनों कंपनी साथ मिलकर भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाएगी। भारत और अमेरिका ने मिलकर यूएस-इंडिया डिफेंस एक्सीलेरेशन इकोसिस्टम शुरू करने पर दोनो देश सहमत हुए हैं। इस नेटवर्क में दोनों देशों की यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री और थिंक टैंक्स शामिल होंगे।

रेलवे के क्षेत्र में अहम करार
भारतीय रेलवे और अमेरिकी संघीय सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) ने 14 जून को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। यूएसएआईडी/इंडिया आर्थिक विकास, कृषि क्षेत्रों, व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, लोकतंत्र, मानवीय सहायता, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों में सहायता करेगा। भारत और अमेरिका के बीच होने वाले सबसे अहम समझौते में ‘आर्टेमिस एकॉर्ड्स’ भी शामिल है। इस मिशन के पूरा होने के बाद भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो अंतरिक्ष में अमेरिका का सहयोगी है। अगले साल नासा के जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की भी यात्रा कर सकेंगे।

दोनों देशों ने कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन ने गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग का संयंत्र स्थापित करने का फैसला किया है, जहां माइक्रोन टेक्नोलॉजी और भारत नेशनल सेमीकंडक्टर मिशन मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर बनाएंगे। इसी प्रकार भारत और अमेरिका के बीच इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की शुरुआत भी की गई है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस स्पेस फोर्स ने भारत के स्टार्टअप्स 114एआई और थर्ड आईटेक के साथ समझौता किया किया है। इस समझौते के बाद भारतीय स्टार्टअप कंपनियां भी आने वाले समय में दुनिया के अन्य देशों में अपना हथियार सप्लाई कर सकती है।

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