गुजरातट्रेंडिंगदेशमहाराष्ट्रराजनीति

बुलेट ट्रेन परियोजन: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 24 घंटे में बना स्टील ब्रिज

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने रचा इतिहास

तेज गति से चल रहा है मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना
LP Live, New Delhi: बुलेट ट्रेन परियोजना में रेलवे की एक और उपलब्धि शामिल हो गई है, जिसके तहत गुजरात में वडोदरा के पास दिल्ली-मुंबई नेशनल एक्सप्रेसवे पर महज 24 घंटे में 130 मीटर लंबा ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज का निर्माण का काम पूरा किया गया। यह कारनामा बुलेट परियोजना को तेजी से आगे बढ़ा रही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड नामक कंपनी ने किया है।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की प्रवक्ता एवं महाप्रबंधक(जनसंपर्क) सुषमा गौड ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 130 मीटर लंबा स्टील ब्रिज का निर्माण का कार्य 23 जून 2024 को पूरा कर लिया गया। खास बात ये है कि यह ब्रिज मेक इंडिया स्टील से तैयार किया गया है और इन 24 घंटे के निर्माण कार्य के दौरान कोई सड़क यातायात भी बाधित नहीं होने दिया गया। स्टील ब्रिज को अस्थायी ट्रेस्टल्स पर जमीन से 15 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित इस 18 मीटर ऊंचे और 14.9 मीटर चौड़े इस 3000 मीट्रिक टन स्टील ब्रिज को महाराष्ट्र के वर्धा स्थित कार्यशाला में तैयार किया गया है और इसे इंस्टालेशन के लिए ट्रेलरों पर साइट पर ले जाया गया। इतने भारी गर्डर को खींचने के लिए बहुत ज़्यादा प्रयास की ज़रूरत होती है, जो संभवतः देश के किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे लंबा बुलेट रेलवे पुल होगा। पुल निर्माण में सी-5 सिस्टम पेंटिंग और धातु के गोलाकार बीयरिंग के साथ लगभग 124,246 टोर-शीयर टाइप हाई स्ट्रेंथ (टीटीएचएस) बोल्ट का उपयोग किया गया, जो 100 साल के जीवनकाल के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

सुरक्षा व इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता
एनएचएसआरसीएल प्रवक्ता के अनुसार इस पुल निर्माण में सुरक्षा और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए परियोजना को सावधानीपूर्वक निष्पादित किया जा रहा है। जापानी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए भारत ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए अपने स्वयं के तकनीकी और भौतिक संसाधनों का उपयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत स्टील ब्रिज के प्रयास का यह एक बड़ा उदाहरण है। यह पूरे कॉरिडोर के लिए 28 स्टीलब्रिज में से तीसरा स्टील ब्रिज है। पहला और दूसरा स्टील ब्रिज क्रमशः सूरत में राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर और गुजरात में नडियाद के पास भारतीय रेलवे की वडोदरा-अहमदाबाद मुख्य लाइन पर लॉन्च किया गया था। 40 से 45 मीटर तक वाले प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिज के विपरीत, स्टीलब्रिज राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और रेलवे लाइनों को पार करने के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं, जो नदी पुलों सहित अधिकांश वर्गों के लिए उपयुक्त होते हैं।

कॉरिडोर पर तेज गति से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
एनएचएसआरसीएल के अनुसार भारत के पास 100 से 160 कि.मी. प्रति घंटे के बीच चलने वाली भारी ढुलाई और अर्ध उच्च गति वाली ट्रेनों के लिए स्टीलब्रिज बनाने की विशेषज्ञता है। अब स्टील गर्डर्स के निर्माण में समान विशेषज्ञता एमएएचएसआर कॉरिडोर पर भी लागू की जाएगी, जिसमें 320 कि.मी. प्रति घंटे की परिचालन गति होगी।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button