पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की धरोहरों को संरक्षित करने का हुआ कार्य:अमित शाह
देश आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर
अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में जनवरी माह में विराजमान होंगे रामलला
रोहतक के श्रीबाबा मस्तनाथ मठ में मूर्ति स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बोले केंद्रीय गृहमंत्री
LP Live, Rohtak: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पुनर्जागरण का कार्य करते हुए सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का कार्य किया है। वहीं मोदी सरकार के अनेक महत्वपूर्ण फैसलों के परिणामस्वरूप देश आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
यह बात बुधवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रोहतक स्थित श्री बाबा मस्तनाथ मठ में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी जी की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कही। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अयोध्या में श्रीराम की जन्म स्थली में भव्य मंदिर का निर्माण जारी है। आगामी जनवरी माह में भगवान श्रीराम इस मंदिर में विराजमान होंगे। इसी प्रकार काशी विश्वनाथ के पुनर्निर्माण के अलावा केदारनाथ व कश्मीर में शारदा पीठ की पुनर्स्थापना का कार्य किया है।
चांदनाथ योगी को श्रद्धांजलि
शाह ने ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी मुलाकात योगी जी से जीवन के अंतिम पड़ाव में बाबा मस्तनाथ मठ में हुई थी। उन्होंने इस मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि महंत चांदनाथ योगी जी ने कागज पर लिखकर संदेश दिया था कि असंभव दिखने वाले कार्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण होंगे और ऐसे कार्य वे आज पूर्ण होते हुए देख रहे है। अमित शाह ने कहा कि भारत अनेक संप्रदायों की भूमि रही है, यहां पर अनेक ऋषि-मुनियों ने तपस्या के बल पर सृष्टि के अनेक रहस्यों को उजागर किया है। नाथ सम्प्रदाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने अजंता एलोरा की गुफाओं के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इन गुफाओं में दीवारों पर स्थित सभी कृतियों के कान में कुंडल है और नाथ सम्प्रदाय भी इसी परम्परा का अनुसरण कर रहा है।
संतो की राजनीति में भागीदारी
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा संत महात्माओं को देश की नीति निर्धारित करने में हिस्सेदारी देते हुए संसद व विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व दिया है। उन्होंने कहा कि गत दिनों सम्पन्न हुए एशियन खेलों में देश के खिलाडिय़ों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए एक सौ से अधिक पदक प्राप्त किये है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के सौ वर्ष पूर्ण होने पर भारत खेलों में भी सर्वप्रथम देश बन जायेगा। सरकार द्वारा खेल प्रतिभाओं को तरासने,उनके प्रशिक्षण, वित्त व शरीर पोषण के लिए अनेक कदम उठाये गए है। सरकार द्वारा पारदर्शी तरीके से खिलाडिय़ों के चयन को सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि गत दिनों दिल्ली में सम्पन्न हुए जी-20 सम्मेलन में विपरित परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखें गए दिल्ली घोषणा पत्र को पारित कर देश का मान बढ़ाया है।
चांदनाथ योगी ने दिया कर्मयोग का संदेश: भूपेंद्र यादव
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि उनका महंत चांदनाथ योगी जी से पुराना रिश्ता रहा है। महंत चांदनाथ योगी ने कर्मयोग की शिक्षा दी है, जिसके अनुसार कर्म करने से ही जीवन को सुधारा जा सकता है। नाथ सम्प्रदाय के संत महात्माओं ने सनातन परम्परा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि श्रीबाबा मस्तनाथ मठ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने पतंजलि के विभिन्न सूत्रों का भी वर्णन किया।
इन्होंने भी किया संबोधित
कार्यक्रम में महंत विश्वेश्रानंद जी महाराज, स्वामी परमानंद जी महाराज, महंत सूरजभान ने भी संबोधित किया तथा महाभारत मं युद्घिष्टïर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने महाभारत के विभिन्न प्रसिद्ध संवादों का उच्चारण किया। उन्होंने कहा कि महाभारत को विदेशों में भी लोगों ने कई बार देखकर इससे शिक्षा ग्रहण किया है। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी विप्लव देव, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा एवं सुनीता दुग्गल, पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व मनीष ग्रोवर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के अलावा विधायक अभय सिंह यादव, रोहतक मंडलायुक्त संजीव वर्मा, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल, पुलिस महानिरीक्षक केके राव, मेयर मनमोहन गोयल, उपायुक्त अजय कुमार, पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, सहायक आयुक्त अंडर ट्रेनिंग अंजलि श्रोत्रीय, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अंजना राव, रेनू डाबला, डॉ. दिनेश घिलौड़, महंत बाबा कपिलपुरी, बाबा कालीदास, बाबा कर्णपुरी महाराज के अलावा नाथ सम्प्रदाय के लगभग 200 मठों के महंत मौजूद रहे।