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पंजाब: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व आप के दंगल में भाजपा व शिअद की जंग

चारो प्रमुख दलों के वर्चस्व की लड़ाई में 52 प्रत्याशियों के बीच होगा चतुष्कोणीय मुकाबला

गठबंधन की की खुली डोर में बसपा ने भी दलित वाेटरों के लिए बिछाई सियासी बिसात
LP Live, New Delhi: लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आप अलग अलग अपने वजूद के लिए चुनावी जंग में है, तो वहीं इस बार भाजपा और शिरोमणि अकाली दल भी अकेले ही दम भरकर वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही है। पंजाब में राजग गठबंधन में शिअद के साथ मिलकर भाजपा अभी तक तीन सीटों पर चुना लड़ती रही है, लेकिन पहली बार भाजपा सभी 13 सीटों पर चुनावी जंग लड़ रही है। पंजाब के लोकसभा चुनाव पर इसलिए भी सभी की नजरें लगी है कि यहां इस बार किसानों का आंदोलन की बिसात पर लोकसभा का चुनाव हो रहा है और इन सभी प्रमुख दलों के सामने किसानों की नाराजगी सबसे बड़ी चुनौती होगी। मसलन यहां इन चारों दलों के प्रत्याशियों के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होना तय माना जा रहा है। पजांब की 13 लोकसभा चुनाव पर अंतिम चरण मे एक जून को मतदान कराया जाएगा।

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में साल 2020 में एक साल से ज्यादा समय तक चले किसानों के आंदोलन का मुख्य केंद्र पंजाब भी रहा है, जिसमें हरियाण और यूपी के किसान संगठन भी शामिल रहे। इसी दौरान किसानों की मांगों के समर्थन में पंजाब के शिरोमणि अकाली दल ने राजग से नाता तोड़ लिया था। इसलिए इस बार भाजपा और अकाली दल पंजाब में अलग अलग चुनाव मैदान में है। खासबात तो ये है कि दिल्ली, हरियाणा, गुजरात व गोवा में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली पंजाब की सत्तारूढ आम आदमी पार्टी यहां कांग्रेस से अलग होकर अकेले दम पर चुनाव मैदान में है। इसलिए इस बार लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव में पंजाब की सियासी जंग अन्य राज्यों से एकदम अलग तरीके से देखने को मिल रही है। भाजपा, कांग्रेस, आप और शिअद सभी दल पंजाब के नाराज किसानों के बीच जाकर उनकी23 फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा कर रहे हैं। इसलिए यह चुनाव किसानों के आंदोलन की बिसात पर देखा जा रहा है, जहां सभी दलों के सामने कड़ी चुनौती पेश आ रही है। दलित वोट बैंक के आधार पर यहां बसपा ने भी सभी सीटों पर ताल ठोकी है, यहां से बसपा लोकसभा की सीट जीत भी चुकी है, जिसमें काशीराम भी यहां से लोकसभा पहुंचे थे। पंजाब की 13 सीटों पर 328 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी की प्रतिष्ठा भी दांव पर
पंजाब में भाजपा ने अकेले दम पर ताल ठोकी है और तीन स्तरीय रणनीति के तहत सभी सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा है। इसमें कांग्रेस और आप के मौजूदा सांसदों को भी भाजपा ने टिकट दिया है। भाजपा ने जालंधर से आप के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को चुनाव मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर दांव खेला। पटियाला से भाजपा कांग्रेस से चार बार सांसद रह चुकी पूर्व सीएम अमरिन्दर सिंह की धर्मपत्नी परणीत कौर इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में है। बंठिंडा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर शिअद की प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में है। भाजपा ने उत्तर पश्चिम दिल्ली के मौजूदा सांसद एवं सूफी गायक हंसराज हंस को फरीदकोट से प्रत्याशी बनाया है, तो आप ने भी हास्य अभिनेता करमजीत अनमोल पर दांव खेला है। इस चुनाव में गुरदासपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनावी जंग में उतरे पर्वू उप मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह रंधावा की भी प्रतिष्ठा दांव पर होगी।

पंजाब के 13 सांसदों को चुनेंगे 2.15 करोड़ मतदाता
पजांब में हो रहे लोकसभा चुनाव में कुल 2,14,61,741 मतदाता 13 सीटों से सांसदों को चुनकर लोकसभा भेजेंगे। इनमें 1,12,86,727 पुरुष, 1,01,74,241 महिला एवं 773 थर्डजेंडर मतदाता शामिल हैं। पंजाब में 18-19 साल की आयु वर्ग के 5,38,715 नए युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। जबकि राज्य में 1,58,718 दिव्यांग और 1,89,855 बुजुर्ग मतदाता 85 साल से ज्यादा आयु वर्ग कें पंजीकृत हैं। वहीं 3,151 महिलाओं समेत 1,05,455 सर्विस मतदाता भी पंजीकृत हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा 18,06,424 मतदाता पटियाला लोकसभा सीट पर पंजीकृत हैं। जबकि सबसे कम 15,52,567 मतदाता फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट पर मतदान करेंगे।

ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मतदान केंद्र
पंजाब में कुल 24,451 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिनमें 16517 ग्रामीण क्षेत्रों और 7934 शहरी क्षेत्रों में स्थापित किये गये हैं। इसमें गुरदासपुर में 1895, अमृतसर 1684, खडूर साहिब 1974, जालंधर 1951, होशियारपुर 1963, आनंदपुर साहिब 2068, लुधियाना 1843, फतेहगढ़ साहिब 1821, फरीदकोट 1688, फिरोजपुर 1903, बठिंडा 1814, संगरूर 1765 और पटियाला में 2082 पोलिंग स्टेशन बनाए गये हैं।

जाट सिख व दलितों का समीकरण
पंजाब में जाट सिख के बाद मालवा व माझा में मजहबी सिख आबादी सबसे बड़ी है। वहीं 32 फीसदी से अधिक दलितों की 39 जातियों में रामदासिया, रविदास समाज, मजहबी व मजहबी सिख, वाल्मीकि समाज, भगत अथवा कबीरपंथी प्रमुख हैं, वहीं इनमें निहाल सिंह वाला, जैतों भी शामिल। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में यह 37 फीसदी तक मानी जाती है। वहीं हिंदू आबादी की संख्या 39 फीसदी के करीब है। पंजाब में वाल्मीकि खुद को हिंदू मानते हैं, जबकि मजहबी समुदाय खुद को सिख मानकर सियासत में अपनी ताकत दिखाता रहा है।

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