दिल्ली में ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस’ पर मंथन करेंगे वैश्विक नेता
दिसंबर में होगा जीपीएआई एवं इंडिया एआई शिखर सम्मेलन
यूके के एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन से स्वदेश लौटकर राजीव चन्द्रशेखर ने दी जानकारी
LP Live, New Delhi: यूके में एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन के बाद अब अगले महीने नई दिल्ली में जीपीएआई शिखर सम्मेलन एवं इंडिया एआई शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी को लेकर विश्वभर के नेता एआई से जुड़े जोखिमों पर विचार-विमर्श करेंगे।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यूके में आयोजित दो दिवसीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के बाद यहां शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 12-14 दिसंबर को प्रगति मैदान के कन्वेशंन सेंटर में होने वाले जीपीएआई शिखर सम्मेलन एवं इंडिया एआई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए उन्होंने एआई के विशेषज्ञों समेत ग्लोबल लीडर्स को आमंत्रित किया गया है। इस सम्मेलन में एआई पर एक संस्थागत फ्रेमवर्क बनाने के लिए विभिन्न देशों के बीच सहयोग एवं व्यापक-विमर्श पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यूके शिखर सम्मेलन में भारत समेत 28 देशों ने मिलकर एआई से जुड़े जोखिमों के आकलन पर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।
भारत में निति निर्माण का काम शुरु
चन्द्रशेखर ने बताया कि करीब दो साल पहले भारत सरकार ने भी मौजूदा और भविष्य की प्रौद्योगिकी के संबंध में स्पष्ट तौर पर नीति-निर्माण के सिद्धांत और मूलभूत तत्वों पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया था। इस दिशा में हम सुरक्षित और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म की आवश्यकता की बात करते हैं। इसलिए प्रौद्योगिकी के भविष्य का निर्माण देशों को मिलकर करना चाहिए और एआई जैसी प्रौद्योगिकियों से जुड़े संभावित जोखिमों को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी देश की सरकारें इस दिशा में काम करेंगी और अगले साल दक्षिण कोरिया में होने वाले एआई शिखर सम्मेलन तक हमारे पास एआई पर एक ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार हो जाएगा। जीपीएआई के परिषद अध्यक्ष के रूप में भारत 12-14 दिसंबर के दौरान दिल्ली के प्रगति मैदान में वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। शिखर सम्मेलन में 28 जीपीएआई सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के एआई विशेषज्ञों, बहुपक्षीय संगठनों और अन्य प्रासंगिक हितधारकों की भागीदारी होगी।