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दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के 67 प्रत्याशियों की हुई जमानत जब्त

एक सीट पर दूसरे नंबर रही कांग्रेस, लगातार तीसरी बार नहीं खुला खाता

कांग्रेस के अनेक दिग्गज भी नहीं बचा पाए अपनी जमानत
LP Live, New Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। मसलन दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्तव में 15 साल राज करने के बाद सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस लगातार तीसरी बार भी कोई सीट नहीं जीत सकी है, बल्कि 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जमानत गंवाने के लिए मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस एक सीट पर दूसरे नंबर पर रही और केवल तीन प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे।

देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक सरकार चलाने के बाद सत्ता से बाहर होने के बाद अभी तक हुए तीन विधानसभा चुनाव के दौरान एक भी सीट हासिल नहीं हुई। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस अपनी वोट हिस्सेदारी में दो फीसदी का इजाफा करती नजर आई, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। कांग्रेस ने करीब 6.4 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उसे 4.26 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में कांग्रेस दिग्गज संदीप दीक्षित, पूर्व मंत्री कृष्णा तीर्थ जैसे कई दिग्गज अपनी जमानत तक नहीं बचा सके।

इन तीन प्रत्याशियों की बची जमानत
दिल्ली के कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र ऐसा रहा, जहां कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक दत्त 27,019 वोट लेकर अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे और दूसरे स्थान पर भी रहे। अभिषेक यहां भाजपा प्रत्याशी नीरज बसोया से 11 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित हुए हैं और उन्हें करीब 32 प्रतिशत मत मिले। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव को 40 हजार से अधिक मत यानी 27 फीसदी से ज्यादा मत मिले। वह तीसरे स्थान पर रहते हुए जमानत बचाने में सफल रहे। अगर किसी उम्मीदवार को डाले गए कुल वोटों का कम से कम छठा हिस्सा नहीं मिलता है तो जमानत स्वरूप उसके द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष दी गई राशि जब्त हो जाती है। इसी प्रकार नांगलोई जाट सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव रोहित चौधरी ने 31,918 वोट और 20.1 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। वह तीसरे स्थान पर रहे। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक को वजीरपुर से 6,348 वोट मिले। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार को 16,549 वोट और दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर फरहाद सूरी को जंगपुरा से 7,350 वोट हासिल हुए, लेकिन जीत इनसे कोसो दूर रही।

इन सीटों पर बिगाड़ा आप का खेल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही कुछ हासिल न कर सकी हो, लेकिन एक दर्जन सीट ऐसी रही, जहां कांग्रेस के प्रत्याशियों ने केजरीवाल समेत एक दर्जन सीटों पर आप को जीत से दूर कर दिया यानी आप का खेल बिगाड़ दिया। मसलन इन सीटो पर आप प्रत्याशियों को जितने अंतर से हार मिली, उससे ज्यादा ये कांग्रेस प्रत्याशी वोट हासिल कर गये, जो आप प्रत्याशियों की हार का कारण बना। इनमें प्रमुख रुप से नई दिल्ली सीट है, जहां आप के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा से 4089 मतों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा। तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित को इस सीट पर 4,568 वोट मिले। इसी प्रकार ऐसी 12 सीटें रही, जहां कांग्रेस के कारण आप को पराजय का मुहं देखना पड़ा।

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