डा. अंबेडकर के नाम से जाना जाएगा तेलंगाना सचिवालय
LP Live, Hyderabad: मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार को तेलंगाना के नए सचिवालय का उद्घाटन किया, जिसका नामकरण भारतीय संविधान के निर्माता डा. भीमराव के नाम से किया गया है। देश का ऐसा पहला सबसे बड़ा सचिवालय होने के साथ किसी किसी महापुरुष के नाम से जाना जाएगा।
हैदराबाद के हुसैन सागर के तट पर बनाए गये छह मंजिला तेलंगाना सचिवालय का उद्घाटन करने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने कहा कि हैदराबाद और अन्य नौ जिलों को छोड़कर तेलंगाना क्षेत्र में कई पिछड़े जिलों को देखा है। हमारा प्रशासनिक भवन के रुप में यह सचिवालय जितना अद्भुत है, तेलंगाना के गांव भी उतने ही शानदार हैं। देश में कहीं भी तेलंगाना जैसा गांव नहीं है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के समन्वय से एक अद्भुत तेलंगाना का निर्माण किया है। सचिवालय का नाकरण डा. भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने के पीछे की मंशा जाहिर करते हुए केसीआर ने कहा कि जन प्रतिनिधियों और समूचे सरकारी तंत्र को भारतीय संविधान के निर्माता के सपनों को साकार करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर के संदेश के साथ और महात्मा गांधी के दिखाये रास्ते पर तेलंगाना का सफर जारी रहेगा। इस भव्य इमारत के निर्माण में मुख्य सचिव से लेकर अटेंडेंट तक तेलंगाना राज्य सचिवालय को साकार करने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में सभी समुदायों के चेहरों पर मुस्कान लाने की प्रेरणा हमें बाबासाहेब से मिली, इसलिए उनकी जयंती के अवसर पर राष्ट्र का गौरव बढ़ाने के लिए उनकी 125 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने इस सचिवालय का उद्घाटन धार्मिक विधि विधान के साथ किया। जहां सुबह से दोपहर तक सुदर्शन यज्ञ और पूजा अर्चना के कार्यक्रमों से लबरेज रहा। दोपहर को यज्ञ में पूर्ण आहुति देने मुख्यमंत्री केसीआर अपने मंत्रिमंडल के साथ सचिवालय भवन पहुंचे और अपने कक्ष में धार्मिक विधि विधान के साथ प्रवेश ही नहीं किया, बल्कि फाइलों पर हस्ताक्षर करके नए सचिवालय में कामकाज का भी शुभारंभ किया।
देश का सबसे बड़ा सचिवालय
हैदाराबाद में बनाए गये छह मंजिला नए सचिवालय के पूर्व में लुम्बिनीवनम, अमरज्योति, पश्चिम में मिंट कंपाउंड, उत्तर में अंबेडकर प्रतिमा और दक्षिण में रवींद्र भारती जानेवाली रोड हैं। इस भवन का निर्माण 7,79,982 वर्ग फीट में किया गया और इसकी ऊंचाई 265 फीट है। नए सचिवालय की कुल क्षेत्रफल 28 एकड़ है। इतना लंबा सचिवालय किसी राज्य में नहीं है। नीलकंठेश्वर मंदिर, वनपर्थी पैलेस और सारंगपुर हनुमान मंदिर से प्रेरणा लेकर बनाए गये तेलंगाना के नए सचिवालय पर कुल 34 गुंबद लगाए गये हैं। पूर्व और पश्चिम की ओर भवन के केंद्र में दो बड़े गुंबद हैं, जिन पर राष्ट्रीय चिन्ह स्थापित हैं। यही नहीं नए सचिवालय में तिरुपति की मूर्तियां भी लगाई जा रही हैं। इसके अलावा सचिवालय में गणपति, सुब्रह्मण्यस्वामी, अभयंजनयस्वामी, सिम्हा, नंदी और शिवलिंग की पत्थर की मूर्तियां भी लगाई जा रही हैं। सचिवालय भवन में आगंतुकों के लिए सहायक भवनों, पुलिस कर्मियों, अग्निशमन विभाग, क्रेच, उपयोगिता भवन जैसे निर्माण को भी किया गया है। इसके अलावा लैंडस्केपिंग, पत्थर के फुटपाथ के साथ हार्डस्केप और लॉन, देशी पेड़, फव्वारे, वीवीआईपी, कर्मचारियों और अन्य लोगों के लिए पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह की योजना के तहत निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री का भव्य कार्यालय
नए सचिवालय की छठी मंजिल पर एक लाख वर्गफीट क्षेत्रफल में मुख्यमंत्री कार्यालय स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री का कार्यालय पूरी तरह से सफेद संगमरमर का है, और उनके कर्मचारियों के लिए विशेष खंड स्थापित किए गए हैं। लोगों से मिलने और प्रजा दरबार आयोजित करने के लिए ‘जनहिता’ के नाम से एक हॉल की व्यवस्था की गई है जिसमें कम से कम 250 लोग बैठ सकते हैं। कैबिनेट हॉल को 25 मंत्रियों और 30 से ज्यादा अधिकारियों के बैठने के लिए तैयार किया गया है। कलेक्टरों के साथ बैठक करने के लिए 60 लोगों के लिए एक हॉल और 50 लोगों के लिए एक हॉल का निर्माण किया गया है। इन चार मंदिरों के अलावा मुख्यमंत्री के विशिष्ट अतिथियों के साथ भोजन करने के लिए लगभग 25 लोगों के बैठने के लिए एक अत्याधुनिक डाइनिंग हॉल बनाया गया है। इसके अलावा भूतल पर अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक, श्रम, राजस्व विभाग, प्रथम तल पर शिक्षा, पंचायत राज, गृह विभाग, दूसरी मंजिल पर वित्त, स्वास्थ्य, ऊर्जा, पशुपालन विभाग, तीसरी मंजिल पर औद्योगिक और वाणिज्य विभाग, योजना विभाग, चौथी मंजिल पर वन, सांस्कृतिक विभाग, सिंचाई विभाग, विधि विभाग, पांचवीं मंजिल पर आर एंड बी, सामान्य प्रशासन विभाग होंगे ,जबकि छठी मंजिल पर सीएम, सीएस, सीएमओ, पीआरओ, स्टाफ के कार्यालय बनाए गये हैं।