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जीएसटी संग्रहण में चौथे नंबर पर पहुंचा हरियाणा

प्रदेश में जीएसटी संग्रहण में हुई 23 फीसदी वृद्धि

LP Live, Chandigarh: जीएसटी संग्रहण में निरंतर बेहतर कार्य की बदौलत हरियाणा देश में छठे नंबर से दो अंक की छलांग लगाते हुए इस बार चौथे नंबर पर आ पहुंचा है। प्रदेश में इस वर्ष 33,527 करोड़ रूपए का जीएसटी संग्रह किया गया। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में जीएसटी संग्रहण में 23 प्रतिशत की वृद्धि के दर्ज की गई है। ।

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री एवं आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रभारी मंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भी है, ने बताया कि पिछले वर्ष राज्य को अंतिम तीन माह के महीनों के 2,575 करोड़ रूपए क्षतिपूर्ति के रूप में मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कुल 30,951 करोड़ रूपए प्रदेश में टैक्स के तौर पर सरकार को मिले हैं। हम पूरे देश में जीएसटी संग्रहण के क्षेत्र में चौथे नंबर पर हैं, हमारे प्रदेश से ऊपर केवल छोटे राज्य सिक्कीम, यूटी दादर नगर एवं हवेली और गोवा हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने विभाग के अधिकारियों की दो राऊंड में ट्रेंनिग भी करवाई थी, इसमें एक बार ब्रिटिश हाई कमीशन से और दूसरी बार केंद्र सरकार के जीएसटी के प्रशिक्षित अधिकारियों, सीबीआई, ईडी, कस्टम जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रशिक्षित अधिकारियों से प्रशिक्षण दिलवाया ताकि हमारे विभाग के अधिकारियों को आधुनिक तकनीक से अपडेट किया जा सके। भविष्य में भी साल में दो बार प्रशिक्षण देकर अपडेशन के लिए अलग से बजट का प्रावधान कर दिया है।

आबकारी राजस्व में भी बढ़ोतरी
दुष्यंत चौटाला ने आबकारी विभाग में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में बताया कि विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए जहां 9,200 करोड़ रूपए के राजस्व का लक्ष्य रखा था, उसकी तुलना में अब तक 9,687 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है जबकि अभी एक माह बाकी है। अनुमान है कि यह आंकड़ा 10,200 करोड़ रूपए को पार कर लेगा। विभाग द्वारा प्रदेश में शराब की 2,400 दुकानों में से 2,104 में ‘प्वाइंट ऑफ सेल’ मशीन लगाई जा चुकी हैं और शेष दुकानों पर भी लगा दी जाएंगी। सभी डिस्टीलरीज में इस माह के अंत तक फ्लो-मीटर लगा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी गोदामों, डिस्टलरीज, बोटलिंग-प्लांट में हाई-सिक्योरिटी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं, उम्मीद है कि इससे लीकेज पर कंट्रोल हुआ है।

कर चोरी पकड़ने तकनीकी व्यवस्था
चौटाला ने बताया कि पहले वाहनों की रोड़-साईड चैकिंग मैनुअली होती थी, अब अगले एक माह में एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करके अधिकारियों को टेबलेट दिया जाएगा ताकि पकड़े गए वाहन की जीपीएस से लोकेशन, समय और संबंधित सामान की टैक्स चोरी का डाटा ऑन-द-स्पॉट भरा जाएगा। उन्होंने अगले आबकारी-वर्ष के लिए आबकारी-नीति में कई अन्य सुधार करने के संकेत देते हुए बताया कि वे ऐसी पोलिसी बनाने का प्रयास करेंगे कि उनके राज्य को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।

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