एनसीआर, हरियाणा, पंजाब व यूपी में पराली जलाने की घटनाओं कमी
पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने के मामले में सबसे आगे
केंद्र ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना में खर्च किये 3,333 करोड़
LP Live, New Delhi: धान की कटाई के वर्तमान सीजन में 45 दिनों के दौरान हरियाणा, पंजाब, एनसीआर-यूपी, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में पराली जलाने की घटनाओं में बेहद कमी आ रही है। जहां साल 2022 में 15 सितंबर से 29 अक्टूबर तक अवधि में 54.2 प्रतिशत देखी गई थी, तो वहीं इस साल इसी अवधि में 44.3 प्रतिशत की कमी आई है। पराली जलाने के मामले में पंजाब व हरियाणा सबसे आगे है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार लगातार समीक्षा और दैनिक आधार पर निगरानी समेत किये जा रहे उपायों का सकारात्मक नतीजा आ रहा है। एक आकलन के अनुसार पिछले 45 दिनों की अवधि यानी 15 सितंबर 2023 से 29 अक्टूबर 2023 के दौरान हरियाणा, पंजाब, एनसीआर-यूपी, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में पराली जलाने की साल 2022 की इस में 13,964 के मुकाबले घटकर 6,391 रह गई हैं। जबकि साल 2021 की इसी अवधि में 11,461 घटनाएं दर्ज की गई थी। पिछले वर्षों की तुलना में अब तक धान की पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। हालांकि पिछले कुछ दिनों के दौरान पंजाब में पराली जलाने के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है और अगले कुछ हफ्तों में कटाई चरम पर होने की उम्मीद है। अकेले 29 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 1,068 घटनाएं सामने आईं।
हरियाणा में 1,094 घटनाएं दर्ज
मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार पिछले 45 दिनों की अवधि के दौरान हरियाणा में पराली जलाने की कुल 1,094 घटनाएं हुईं हैं, जबकि 2022 में इन घटनाओं की संख्या 1,813 और साल 2021 में 2,413 थीं। यानी पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में हरियाणा में खेत में आग लगाकर पराली जलाने की घटनाओं में मौजूदा वर्ष 15 सितंबर से 29 अक्टूबर तक 54.7 प्रतिशत की कमी आई है। साल 2022 में 39.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। हालांकि हरियाणा में इन 45 दिनों की अवधि के दौरान इस वर्ष 15 अक्टूबर को एक दिन में आग लगने की सबसे अधिक यानी 127 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2022 में 24 अक्टूबर को 250 और 2021 में 15 अक्टूबर को 363 घटनाएं दर्ज की गईं थीं। हरियाणा के जिन पांच जिलों में वर्तमान वर्ष में अब तक सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाओं में फतेहाबाद जिले में 180, कैथल में 151, अम्बाला में 147, जीन्द में 132 और कुरूक्षेत्र में पराली जलाने की 120 घटनाएं दर्ज की गई है।
पंजाब में 56.6 प्रतिशत की कमी
पंजाब राज्य में इन 45 दिनों की अवधि के दौरान पंजाब में पराली जलाने की कुल 5,254 घटनाएं हुईं हैं, जबकि 2022 में इन घटनाओं की संख्या 12,112 और 2021 में 9,001 थीं। वर्तमान वर्ष की 45 दिनों की अवधि के दौरान पंजाब में खेतों में आग लगने की घटनाएं 2022 और 2021 की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 56.6 प्रतिशत और 41.6 प्रतिशत कम हुईं हैं। पंजाब में इन 45 दिनों की अवधि के दौरान इस वर्ष 29 अक्टूबर को एक दिन में आग लगने की सबसे अधिक यानी 1,068 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2022 में 28 अक्टूबर को आग लगने की 2,067 घटनाओं और 2021 में 29 अक्टूबर को 1,353 घटनाओं की सूचना मिली थी। पंजाब के जिन पांच जिलों में वर्तमान वर्ष में अब तक सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं, उनमें अमृतसर में 1,060, तरनतारन में 646, पटियाला में 614, संगरूर में 564 और फ़िरोज़पुर में 517 घटनाएं दर्ज की गई।
सीआरएम मशीनें खरीदने पर धनराशि जारी
केन्द्र सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत अब तक पंजाब सरकार, एनसीआर राज्यों और दिल्ली के जीएनसीटी को व्यक्तिगत किसानों अथवा कस्टम हायरिंग केन्द्रों और सहकारी समितियों द्वारा मूल स्थान पर धान के भूसे के प्रबंधन की सुविधा के लिए मशीनों तथा अन्य स्थानों पर धान से जुड़े अनुप्रयोगों को सुविधाजनक हेतु बेलिंग/रेकिंग मशीनें व उपकरणों की खरीद हेतु लगभग 3,333 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। इसमें पंजाब में उपलब्ध फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों की कुल संख्या 1,17,672, हरियाणा में 80,071 और यूपी-एनसीआर में 7,986 है। इसके अलावा कटाई के वर्तमान मौसम के दौरान उपलब्धता बढ़ाने के लिए पंजाब में अतिरिक्त 23 हजार सीआरएम मशीनें, हरियाणा में 7,572 और एनसीआर के लिए उत्तर प्रदेश में 595 अतिरिक्त सीआरएम मशीनें खरीदने की कार्रवाई चल रही है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग सख्त
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) नियमित आधार पर पंजाब और एनसीआर राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए तैयार की गई कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा कर रहा है। आयोग धान की पराली जलाने की घटनाओं की भी निगरानी कर रहा है और मुख्य सचिवों एवं संबंधित जिलों के उपायुक्तों सहित पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के साथ दैनिक आधार पर संवाद कर रहा है। आयोग के लिए इसरो द्वारा विकसित मानक प्रोटोकॉल के अनुसार पराली जलाने की घटनाओं की सूचना दी जाती है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों को एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा निर्धारित रूपरेखा एवं कार्य योजनाओं के अनुसार पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सभी निवारक और सुधारात्मक उपाय करने हेतु संपूर्ण राज्य प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय करने को कहा गया है।