एक अक्टूबर से शुरु होगी एमएसपी पर धान की खरीद
सत्र 2023-24 की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन हुए शुरू
योगी सरकार के निर्देश: किसानों की शिकायतों का समयबद्ध हो समाधान
LP Live, Lucknow:योगी सरकार ने सत्र 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान खरीद के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। एक जुलाई से इसके लिए किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इस प्रक्रिया के बाद एक अक्टूबर से धान की एमएसपी पर खरीद शुरू हो जाएगी। योगी सरकार ने सत्र 2023-24 में धान का समर्थन मूल्य कॉमन धान के लिए 2183 रुपये प्रति कुंतल एवं ग्रेड ए के धान के लिए 2203 रुपये प्रति कुंटल तय किया है।
योगी सरकार के जारी दिशा निर्देशों के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं बुंदेलखंड में धान की खरीद के लिए एक अक्टूबर से 31 जनवरी 2024 तक निर्धारित की है, जिसमें लखनऊ संभाग (हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर), बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ और झांसी मंडल शामिल है। खरीद केंद्रों पर पंजीकृत किसानों से ही एमएसपी के आधार पर खरीद की जाएगी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक नवंबर से खरीद
पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद के लिए एक नवंबर से 29 फरवरी 2024 तक निर्धारित की गयी है, जिसमें लखनऊ संभाग (लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव), चित्रकूट, कानुपर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर एवं प्रयागराज मंडल शामिल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार धान क्रय केंद्रों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है। इस वर्ष खाद्य विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों के लगभग चार हजार क्रय केंद्र संचालित करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं किसान रजिस्ट्रेशन, भूमि के रकबे का सत्यापन, खरीद व एमएसपी पेमेंट की जानकारी विभाग के मोबाइल एप ‘यूपी किसान मित्र’ से घर बैठे जान सकेंगे।
दोबारा पंजीकरण की जरुरत नहीं
योगी सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार इस बार किसानों से धान खरीद के पेमेंट के लिए धान के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खाते में कराने की व्यवस्था की है। इसके लिए किसानों का बैंक खाता आधार सीडेड एवं बैंक द्वारा एनपीसीआई पोर्टल पर मैप के साथ सक्रिय होना आवश्यक है। इसके साथ ही इस बार धान की खरीद इलेक्ट्रानिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप मशीन) से आधार प्रमाणीकरण के आधार पर करायी जाएगी। वहीं खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में गेहूं व धान खरीद के लिए पूर्व में पंजीकरण करा चुके किसानों को धान बिक्री के लिए दोबारा पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है।