उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता पर हुआ मंथन
विशेषज्ञ समिति ने हितधारकों के साथ किया जनसंवाद


LP Live, New Delhi: उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु गठित विशेषज्ञ समिति ने नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों, प्रबुद्धजनों, समाजसेवी एवं पत्रकारों के साथ जनसंवाद करके विचार विमर्श किया।
नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में बुधवार को प्रवासी उत्तराखण्डियों प्रबुद्धजनों, समाजसेवियों एवं पत्रकारों के लिए आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु गठित विशेषज्ञ समिति विचार विमर्श करके सभी पहलुओं को लेकर परामर्श भी किया। प्रवासी उत्तराखंडियों, प्रबुद्धजनों, समाजसेवी एवं पत्रकारों ने यूसीसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्णय को सराहते हुए इसके जल्द से जल्द कार्यान्वित करने का आग्रह किया। उत्तराखण्ड राज्य में समान नागरिक संहिता के सभी हितधारकों से चर्चा की जा चुकी है, यूसीसी की उप समितियों ने विभिन्न धर्मों, समुदायों, प्रदेश की सभी जनजातियों समूह, हितधारकों तथा वर्गों से इस संबंध में विचार विमर्श कर सुझाव प्राप्त किये। उत्तराखण्ड के राज्य स्तरीय आयोगों के अध्यक्ष, सदस्यों एवं सभी राजनीतिक दलों के साथ भी इस संबंध में बैठक कर ली गई है, तथा उनके बहुमूल्य सुझाव प्राप्त कर लिए गए हैं। इस जनसंवाद कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने हेतु उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित कमेटी की अध्यक्ष न्यायाधीश(सेवानिवृत्त) श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई, विशेषज्ञ समिति के सदस्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली, शत्रुघन सिंह, आईएएस (सेवानिवृत्त), श्रीमती सुरेखा डंगवाल, कुलपति दून विश्वविद्यालय मनु गौड, सामाजिक कार्यकर्ता एवं सचिव अजय मिश्रा उपस्थित थे।

दो लाख से ज्यादा सुझाव मिले
विशेषज्ञ समिति द्वारा अभी तक कुल 51 बैठक राज्य के 13 जनपदों में 37 जिला स्तरीय बैठक एवं 03 विशाल जनसंवाद कार्यक्रम नैनीताल, देहरादून, दिल्ली में आयोजित किये गये है। जिसमें 2 लाख से अधिक सुझाव/मन्तव्य प्राप्त हुए। उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य, देश का पहला राज्य है जो कि समान नागरिक संहिता का लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
