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इसरो प्रमुख सोमनाथ को ‘गोयल शांति पुरस्कार’

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रतिष्ठित सम्मान देने का निर्णय

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को सम्मान
LP Live, Chandigarh: चांद पर चन्द्रयान-3 को सफलता पूर्वक भेजने के लिए इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ को अंतरिक्ष प्रौद्योगकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय साल 2021-22 गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करेगा। यह निर्णय विश्वविद्यालय की गोयल पुरस्कार समिति ने सर्वसम्मिति से लिया है।

इसरो के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ इंजीनियर एस. सोमनाथ को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की गोयल पुरस्कार पुरस्कार समिति ने साल 2021-22 गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। समिति ने विश्विविद्यालय में आयोजित होने वाले एक समारोह के दौरान एस. सोमनाथ को गोयल अवार्ड से नवाजने की सहमति भी दी है। इस प्रस्तावित समारोह में हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने निर्णय की सराहना की है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक इंजीनियर और फिर इसरो के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मानवता के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अथक प्रयास किया है।

अब तक 110 इंजीनियर पुरस्कृत
गोयल अवार्ड कमेटी के को-चैयरमैन प्रो. एसपी सिंह एवं गोयल अवार्डस के संयोजक प्रो. संजीव अरोड़ा ने बताया कि गोयल अवार्ड अमेरिका में रह रहे एक अप्रवासी भारतीय स्वर्गीय रामस्वरूप गोयल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया। अभी तक विभिन्न विषयों से जुड़े 110 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को वर्ष 1992 से आज तक गोयल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस पुस्कार से सम्मानित प्रमुख इंजीनियरों में आईआईएससी बेंगलुरु के पूर्व निदेशक प्रोफेसर सीएनआर राव, आईआईएससी में भटनागर पूर्व फेलो डॉ. गोवर्धन मेहता, डॉ आरए माशेलकर, पूर्व महानिदेशक सीएसआईआर, डॉ. ओबैद सिद्दीकी, टीआईएफआर के राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक और डॉ. एके सूद, प्रिंसीपल सांईटिफिक एडवाईजर, भारत सरकार शामिल हैं। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के कस्तूरीरंगन भी 1998 में गोयल पुरस्कार तथा सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक 2015 को गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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