अयोध्या के डॉ. देवी सहाय पांडेय को संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान
हरियाणा संस्कृत अकादमी ने साहित्यकार सम्मानों की घोषणा
LP Live, Chandigarh: हरियाणा संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2021 के लिए साहित्यकार सम्मानों की घोषणा कर दी है। इसमें संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान के लिए डॉ. देवी सहाय पांडेय (अयोध्या) को चुना गया है। हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान के लिए प्रो.कमला भारद्वाज को चयनित किया गया है।
अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2021 के लिए महर्षि वाल्मीकि सम्मान पुरस्कार के लिए करनाल के डॉ.सत्यपाल शर्मा, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान पुरस्कार के लिए पंचकूला के सर्वेश्वर प्रसाद सेमवाल को, महर्षि वेदव्यास सम्मान पुरस्कार के लिए कुरुक्षेत्र के प्रो.अरुणा शर्मा को तथा महर्षि विश्वामित्र सम्मान पुरस्कार के लिए अंबाला के डॉ. चंद्र कुमार झा को चुना गया है। उन्होंने बताया कि महाकवि बाणभट्ट सम्मान के लिए फरीदाबाद के डॉ.गीता आर्या को, गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान के लिए पंचकूला के आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र को चुना गया है। इसी प्रकार विद्या मार्तण्ड पं. सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान के लिए करनाल की श्रीमती अंजू बाला को चयनित किया गया है।
राजेश नैन को विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान
उन्होंने बताया कि विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान पुरस्कार के लिए कैथल के राजेश नैन को उनकी संस्कृत क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया जाएगा। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान वर्ष 2021 के लिए गुरु रविदास संस्कृत महाविद्यालय (गुरुकुल पोहडक़ा) सिरसा का चयन किया गया है। इससे पहले अकादमी वर्ष 2017 से 2020 तक के पुरस्कारों के लिए चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इन चयनित साहित्यकारों को समारोह आयोजित कर सम्मान प्रदान किए जाएंगे।
पुरस्कार में ये होगी राशि
डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान और हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान के लिए साहित्यकार को दो लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। इसी तरह महर्षि वाल्मीकि सम्मान, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान, महर्षि वेदव्यास सम्मान, महर्षि विश्वामित्र सम्मान के लिए डेढ़ लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। इनके अलावा, महाकवि बाणभट्ट सम्मान, गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्या मार्तण्ड पंडित सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान और विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान के लिए एक लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।