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हरियाणा: अब गरीबों को 25 बीमारियों के इलाज में आर्थिक मदद

सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में किया संशोधन

LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार गरीबों को हर तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए साल 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रुप में मनाने का संकल्प लिया है, जिसके लिए सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए आय के मानकों में बदलाव भी किया है। सरकार अब गरीबों को मुख्यमंत्री राहत कोष से गरीबों को 25 गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया, जो अभी तक प्रदेश में तीन बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद दी जाती थी।

हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने गरीब व्यक्तियों को ईलाज के लिए तत्काकल प्रभाव से लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में संशोधन किया है। इस संशोधन के प्रावधान में अब गरीबों को 03 बीमारियों के इलाज के स्थान पर करीब 25 बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस आर्थिक सहायता के लिए पीडितों को सरल पोर्टल के माध्यम से आवेदन करके इस सुविधा का लाभ लिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक अपनी पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि जैसे अन्य संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इन्हें भी मिलेगा लाभ
राज्य सरकार की मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कवर नहीं हो रही है, तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित सासंद, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, जिला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

क्या होगी आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए जब सरल पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन करना होगा। उसके बाद आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर, एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे। उसके उपरांत आवेदन को उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिए चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए पांच दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है।

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