स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग युक्त हुआ गाजियाबाद-डीडीयू रेलवे खंड
ट्रेनों और सुरक्षा के लिए अपनाया जा रहा है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम
LP Live, New Delhi: भारतीय रेलवे के गाजियाबाद-पं दीनदयाल उपाध्याय खंड पर 762 किलोमीटर पूर्ण स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग हो गया है। भारतीय रेल में यह रेल मार्ग भारतीय रेल का सबसे लंबा पूर्ण स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग खंड बन गया है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेल के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर और अधिक रेलगाडियां चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने हेतु, स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस) के उपाय करने के लिए भारतीय रेल मिशन मोड पर काम कर रहा है। इसके लिए साल 2022-23 के दौरान 268 आरकेएम पर अधिकृत किया गया है। साल 2022 के अंत तक भारतीय रेल के 3706 रूट किमी पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग की सुविधा प्रदान की गई है। स्वचालित सिग्नलिंग के कार्यान्वयन से क्षमता में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक रेल सेवाएं संभव होंगी। हाल ही में प्रयागराज मंडल के साथ सतनरैनी-रुंधी-फैजुल्लापुर स्टेशन खंड में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली की शुरुआत के साथ 762 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-पं. दीन दयाल उपाध्याय खंड पूरी तरह से स्वचालित हो गया है और यह भारतीय रेल का सबसे लंबा स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग खंड भी बन गया है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम सुविधा
रेलगाड़ियों के परिचालन में डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपनाया जा रहा है। वर्ष 2022-23 के दौरान 347 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की सुविधा प्रदान की गई है। अब तक भारतीय रेल के 45.5 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हुए 2888 स्टेशनों को 31 दिसम्बर 2022 तक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की सुविधा दी गई है।