सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को झटका
अंतरिम जमानत देने से किया सुप्रीम कोर्ट का इनकार


अब अंतरिम जमानत की अर्जी पर चार सितंबर हो होगी सुनवाई
LP Live, New Delhi: दिल्ली के आबकारी मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ रही हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में उन्हें अंतरिम जमानत पर कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने मामले को स्थगित करते हुए आदेश दिया कि मनीष सिसोदिया की अंतरिम राहत और नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई 4 सितंबर को होगी। सिसोदिया की मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें उनकी पत्नी से मिलने के लिए अंतरिम जमानत देने का आग्रह किया और कहा कि यह एक मानवीय और वास्तविक मुद्दा है। सिंघवी ने सिसोदिया की पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट का हवाला भी दिया। इस पर पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दूसरा पक्ष कह रहा है कि उनकी पत्नी पिछले 23 साल से बीमार है। जब हम नियमित जमानत पर सुनवाई करेंगे, तो हम इसे (पत्नी की चिकित्सीय स्थिति पर अंतरिम जमानत की याचिका) उठाएंगे। हम इसकी जांच करेंगे। अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू को दो सप्ताह में जवाब देने के आदेश भी दिये।
हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई को एक नोटिस जारी किया था और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के उन आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जांच एजेंसियों से जवाब मांगा था, जिसमें उन्हें सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया गया। इससे पहले 3 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने मनीष सिसोदिया को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। गौरतलब है कि इस साल 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसौदिया को गिरफ्तार किया और फिर ईडी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया।
