LP Live, Desk: बिहार में जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर छापेमारी की। इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ने लगी है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने इस कार्रवाई से पहले इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत 14 लोगों को समन भेजा था। समन के अनुसार इन सभी को सीबीआई ने 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा है। दरअसल लालू यादव 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री थे, तो लालू यादव और उनके परिवार ने कथित तौर पर 7 लोगों को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दी थी, जिनमें से 5 की बिक्री हुई थी, जबकि 2 गिफ्ट के तौर पर लालू यादव को दी गई थी। इस मामले में लालू के परिवार के अलावा उनके करीबी पूर्व विधायक भोला यादव व हृदयानंद का भी नाम शामिल है। सीबीआई ने इस मामले में भोला यादव को गत 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था, जो उस दौरान रेलमंत्री लालू के ओएसडी थे।
राबडी व मीसा के नाम जमीन
इस मामले में बताया जा रहा है कि इन सात लोगों की जमीनें राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं। यह भूमि प्रचलित सर्किट रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थीं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई के अनुसार बिहार में पटना के निवासी होते हुए भी कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए ग्रुप-डी के पदों पर स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।
नौकरी के लिए हुआ सौदा
सीबीआई की जांच के अनुसार नौकरी के बदले में इन लोगों ने लालू के परिवार के सदस्यों और एक निजी कंपनी के नाम पर जमीन हस्तांतरित की थी। जांच में सामने आया कि पहले उम्मीदवारों को स्थानापन के तौर पर नियुक्त किया गया था और जब जमीन का सौदा हो गया तो उन्हें नियमित कर दिया गया था। वहीं पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फीट भूमि पर लालू के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर कब्जा किया हुआ है।