

LP Live, New Delhi: भारत और मिस्र की सेनाओं के बीच ‘अभ्यास साइक्लोन-I’ एक प्रशिक्षण के रूप में पहली बार राजस्थान के जैसलमेर में शुरू किया गया है। यह सैन्याभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब तक का पहला संयुक्त अभ्यास है। इसका लक्ष्य है दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार पिछले सप्ताह 14 जनवरी 2023 में जैसलमेर में शुरू किया गया यह संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास अभी जारी है। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के तहत रेगिस्तानी इलाके में विशेष बलों के आपसी तालमेल, संचालन और पेशेवराना कौशल को एक-दूसरे से साझा करना। सैन्याभ्यास में आतंकवाद विरोधी, टोह लगाना, धावा बोलना और अन्य विशेष अभियानों को भी शामिल किया गया है। यह प्रशिक्षण अभ्यास साइक्लोन-I के रूप में अपनी तरह का पहला सैन्याभ्यास है, जिसमें दोनों देशों के विशेष बल संयुक्त रूप से एक मंच पर एकत्र हुये हैं। संयुक्त सैन्याभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं की संस्कृति और मानस को समझने में सहायता मिलेगी, जिसके आधार पर सैन्य सहयोग तथा आपसी संचालन को बढ़ाया जा सकेगा। इससे भारत और मिस्र के बीच राजनयिक रिश्ते भी और मजबूत होंगे।

सैनिकों की बढेगी विशेष क्षमता
राजस्थान में 14 दिन के लिए राजस्थान के रेगिस्तानों में आयोजित इस संयुक्त सैन्याभ्यास से दोनों देशों के उन्नत विशेष बल स्नाइपिंग, कॉम्बेट-फ्री फॉल, टोह लगाने, निगरानी करने, लक्ष्य निर्धारित करने जैसे कौशलों को साझा करने के साथ हथियारों, उपकरणों, नवाचारों, तकनीकों, रणनीतियों और प्रक्रियों सम्बंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करेंगे। इसमें हिस्सा लेने वाले सैन्यकर्मी संयुक्त रूप से योजना बनाने, युद्ध-भूमि में मुकाबला करने, आतंकी ठिकानों व कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने और बड़े लक्ष्यों पर स्नाइपर-शूटिंग का भी अभ्यास करेंगे।
