![](https://lokpathlive.com/wp-content/uploads/2023/03/Rahul-2.jpg)
मानहानि मामले में कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा
LP Live, New Delhi: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को उस समय करारा झटका लगा, जब गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को समाप्त कर दिया गया है। इस संबन्ध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की है।
लोकसभा में वायनाड से निर्वाचित सदस्य राहुल गांधी के एक दिन पहले सूरत की अदालत में एक मानहानि मामले में दो साल की सजा और 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। अदालत ने सजा सुनाने के बाद जमानत भी दे दी थी। अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के आधार पर लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता को समाप्त करने के संबन्ध में एक अधिसूचना जारी की है। लोकसभा अध्यक्ष का यह निर्णय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के तहत किया है। अधिनियम के अनुसार जैसे ही किसी संसद सदस्य या निर्वाचित जनप्रतिनिधि को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वह संसद की सदस्यता ले लिए अयोग्य हो जाता है। इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर विशेष रूप से चुनाव की घोषणा करता है। अधिसूचना के अनुसार अयोग्य करार दिये गये राहुल गांधी अगले आठ साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
आठ साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
गौरतलब है कि राहुल गांधी को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने की वजह से उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई है। गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया। इस धारा के तहत अधिकतम सजा दो साल की सजा है। सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने मामले में पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। इससे पहले 10 जुलाई, 2013 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले में ये फैसला सुनाया था कि कोई भी संसद सदस्य (सांसद), विधानसभा सदस्य (विधायक) या एक विधान परिषद (एमएलसी) का सदस्य जो एक अपराध का दोषी है और न्यूनतम दो साल की कारावास की सजा दी गई है, वो तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है।
![](https://lokpathlive.com/wp-content/uploads/2024/06/InShot_20240612_145336199.jpg)