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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ

श्रीमद्भगवदगीता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक गीता का आध्यात्मिक दीप स्तंभ: राष्ट्रपति

LP Live, Kurukshetra: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ किया। मुर्मू ने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक के रूप में श्रीमद्भागवत गीता आध्यात्मिक दीप स्तंभ है। इसका विश्वभर में अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कुरुक्षेत्र की भूमि पावन भूमि है और इसी सरस्वती के तट पर वेद और पुराणों को लिपिबद्ध किया गया। महाभारत में कुरुक्षेत्र के इस क्षेत्र की तुलना स्वर्ग से की गई है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक है, विश्वभर में अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है, जितनी टिकाएं श्रीमद्भगवद्गीता पर लिखी गई हैं, शायद ही किसी पुस्तक पर लिखी गई होंगी। श्रीमद्भागवत गीता आध्यात्मिक दीप स्तंभ है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमें श्रीमद्भगवद्गीता का घर-घर और गांव-गांव में प्रचार व प्रसार करना चाहिए, ताकि लोग गीता के उपदेशों को अपने आचरण में ढाल सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने वर्ष 2016 से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती महोत्सव को मनाने का निर्णय लिया, जो आज कनाडा और यूके जैसे देशों में भी आदर्श बन रहा है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हरियाणा के लिए बड़े गर्व की बात है कि यहां के जवानों, किसानों व बेटियों ने अपने जीवन में गीता के कर्म करने के संदेश को अपनाया है। इससे जवानों ने देश की सेना में, किसानों ने अन्न पैदा करके और महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराकर हरियाणा का गौरव बढ़ाया है। हमें इन सभी पर गर्व है।

प्रदर्शनी का किया अवलोकन
मंगलवार को कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर तट पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ राज्यस्तरीय प्रगतिशील हरियाणा प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में राष्ट्रपति ने गीता प्रसंग के साथ गीता उपदेशों के साक्ष्यों के कलाकृति को सजगता पूर्ण देखा। वहीं स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के वीरों के योगदान की कहानी, अभिलेख व तस्वीरों की जुबानी और हरियाणा के गौरवमयी इतिहास सहित 8 साल राख्या ख्याल को समर्पित हरियाणा की विकास योजनाओं को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में 48 कोस के तीर्थ स्थलों के चित्र व युग युगीन कुरुक्षेत्र धरा के विभिन्न धार्मिक पहलुओं की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए राष्ट्रपति ने तीर्थयात्रा पर्यटन के विकास हेतु उठाये गए हरियाणा सरकार के प्रयासों को भी सराहा। वहीं ब्रह्मसरोवर के किनारे लगे मध्य प्रदेश पैवेलियन में स्लाइड्स के माध्यम से प्रदर्शित भगवान कृष्ण की 14 विद्याओं व 64 कलाओं का अवलोकन भी किया।

गीता में है धर्म और अध्यात्म का सार: राज्यपाल
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गीता में धर्म और अध्यात्म का सार है। सही मार्गदर्शन किया जाए तो गीता विश्व को आतंकवाद जैसी बीमारी का भी समाधान दे सकती है। उन्होंने कहा कि विश्व में द्वंद एवं अराजकता फैल जाती है तो गीता से ही शांति लाई जा सकती है। इससे मनुष्य को पूर्ण संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य यदि चुनौतियों और द्वंदो से घिरा हो और कर्तव्य के असमंजस्य में थक जाता हो तो उसका मार्गदर्शन के रूप में गीता हाथ पकड़ती है। गीता में विश्व की सभी संस्कृतियों का जीवन है, जिसे बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने भी माना है। विश्वव्यापी 75 भाषाओं में गीता का प्रकाशन हुआ है और इसकी स्वीकृति को प्रमाणिक किया गया है। उन्होंने कहा कि गीता के समान ऊंचा प्रेरणा परक कोई ग्रंथ नही है।

द्रौपदी मुर्मू कर्मयोग की साक्षात प्रतिमूर्ति: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता में कर्मयोग का संदेश दिया गया है, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू कर्मयोग की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने साधारण परिवार में जन्म लेकर भी असाधारण उपलब्धि हासिल की, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। उनके लिए प्रारंभिक शिक्षा भी सपने के समान थी लेकिन उन्होंने सभी बाधाओं को पार किया और कॉलेज तक पहुचंने वाली अपने समाज की पहली बेटी बनीं। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मयोग की भूमि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में गीता जयंती की बेला पर राष्ट्रपति का हरियाणा में प्रथम आगमन अत्यंत शुभकारी है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों से गीता जयंती महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में मनाया जा रहा है।

राष्ट्रपति के स्वागत में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल, गीता मनीषी ज्ञानानंद स्वामी, महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान के महर्षि गोविंद गिरी महाराज ने भी अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती संगोष्ठी में अपने अमूल्य विचार प्रस्तुत किए। इस मौके पर अंबाला के सांसद रतन लाल कटारिया, खेल मंत्री संदीप सिंह, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, नेपाल के एंबेसडर डॉक्टर शंकर प्रसाद शर्मा, मुख्य सचिव संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य जी. अनुपमा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

 

 

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