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यूपी में छह साल में हुई साढ़े पांच लाख से ज्यादा नियुक्तियां: योगी

राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

प्रदेश ने स्थापित किया है भर्तियों में पारदर्शिता का मॉडल : संजय श्रीनेत
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पिछले छह साल में साढ़े पांच लाख नियुक्तियां की गई, जिनमें पारदर्शिता के कारण आज तक एक भी नियुक्ति पर सवाल नहीं उठा। इन भर्तियों में 1.64 लाख से ज्यादा तो पुलिस विभाग के पदों को भरा गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और जातिवाद योग्यता के सामने प्रतिभाओं के साथ न्याय नहीं हो पा रहा था।

यहां लखनऊ में पुलिस मुख्यालय स्थित सिग्नेचर बिल्डिंग में शनिवार को शुरू हुए देश के 23 राज्यों के लोक सेवा आयोग अध्यक्षों का 24वां दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हमने वर्ष 2017 में सूबे की कमान संभाली थी तो उस समय देखने को मिला था कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग से जुड़ी परीक्षाओं में शिकायतों का अंबार लगा हुआ था। कई भर्ती प्रक्रियाओं में न्यायालय से स्टे चल रहा था। कुछ मामलों में कोर्ट ने गंभीर टिप्पणियां भी कर रखी थीं। यूपी पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली पड़े थे क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे था। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भर्ती को लेकर जो भी कमियां थीं उसे दूर करिए। पहले प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। उस समय भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और जातिवाद का मुखौटा लगाकर योग्यता और प्रतिभा के साथ अन्याय होता था। ऐसे में हमने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी करने के लिए अच्छे ईमानदार लोगों की टीम तैयार की। पिछले 6 वर्षों में पुलिस विभाग में एक लाख 64 हजार से अधिक पदों को पारदर्शी तरीके से भरा गया।

एक भी नियुक्ति पर नहीं उठा सवाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस कार्यक्रम में शिरकत करना मेरे लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने विगत 6 वर्षों के अंदर जो कुछ भी किया है उसे आप सभी के माध्यम से देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श समाज में संघ लोक सेवा आयोग हो या राज्यों के लोक सेवा आयोग हो, इन सभी की बड़ी भूमिका होती है। सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में सरकार ने साढ़े पांच लाख नियुक्तियां की हैं। किसी भी नियुक्ति पर प्रश्नचिन्ह नहीं खड़ा हुआ है।

परीक्षाओं में पारदर्शिता
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने बताया कि देश के 23 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यगण यहां आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने आए हैं। हमारा प्रयास है कि देश में राज्य लोक सेवा आयोगों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए शुचितापूर्ण और पारदर्शीढंग से परीक्षाएं आयोजित कराई जाएं। उन्होंने कहा कि बीते 6 साल में यूपी ने राज्य लोक सेवा आयोग के जरिए पारदर्शी, निष्पक्ष, बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार रहित ढंग से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कराया है। सीएम योगी के नेतृत्व में जिस तरह पारदर्शी तरीके से परीक्षाओं का आयोजन और नियुक्तियां हुई हैं वो आज पूरे देश में चर्चा का विषय है। यूपी का भर्ती मॉडल आज देशभर में पसंद किया जा रहा है।

प्रदेश में 2 लाख करोड़ पहुंचा एक्सपोर्ट
सीएम ने कहा कि प्रदेश की आबादी 25 करोड़ है, ऐसे में साढ़े पांच लाख सरकारी नौकरी से काम नहीं चलेगा। प्रदेश के कई युवा ऐसे हैं जो सरकारी नौकरी में नहीं जाना चाहते हैं, वह अपने सेक्टर में कुछ नया करना चाहते हैं। इस पर सरकार काम कर रही है। इसी के तहत प्रदेश के 75 जनपदों की मैपिंग कराई गई, जिसमें से 57 जनपदों के यूनीक प्रोडक्ट्स को नई पहचान दिलाई गई। वहीं 18 जनपदों के लिए भी तय किया है कि इन जनपदों के साथ भी कोई ना कोई एक प्रोडक्ट जुड़ना चाहिए। ऐसे में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट कार्य योजना को लागू किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में जहां कुल एक्सपोर्ट 86000 करोड़ था, आज वह लगभग दो लाख करोड़ तक पहुंच गया है।

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