उत्तराखंड

नैनीताल में मधुमक्खियां रोकेंगी मानवों पर हाथियों के हमले

केवीआईसी ने शुरू की महत्वाकांक्षी पुनर्वास परियोजना

LP Live, Desk:उत्तराखंड के नैनीताल में मानवों पर बढ़ते हाथियों के हमलों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार के एमएसईएम की महत्वकांक्षी पुनर्वास योजना को शुरू कर दिया गया है, जिसका उद्घाटन खादी और ग्रामोद्योग आयोग यानी केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग देश में समाज के लोगों की आजीविका के लिए मधुमक्खियों के पालन को प्रोत्साहित करने के लिए हनी मिशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है, वहीं जंगली हाथियों के बस्तियों में जाकर मानवों पर हमलों को कम करने के लिए केवीआईसी ने महत्वाकांक्षी पुनर्वास परियोजना को शुरू किया, जिसका प्रभाव कई राज्यों में नजर आया। उत्तराखंड के नैनीताल जैसे इलाकों में गांवों में जंगली हाथियों के हमले की कई घटनाएं सामने आई। इसलिए केवीआईसी ने इस योजना को यहां भी लागू करने का निर्णय लिया था। केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथियों के मानव पर होने वाले हमलों को कम करने के मकसद नैनीताल जिले में हल्द्वानी के फतेहपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत चौसला गांव में इस महत्वाकांक्षी पुनर्वास परियोजना का उद्घाटन किया। इस योजना की शुरुआत करते हुए उन्होंने चौसला गांव के ग्रामीण हितग्राहियों को 330 मधुमक्खी बक्से, मधुमक्खी कॉलोनियां और शहद निकालने वालों के लिए टूलकिट का निःशुल्क वितरण किया।

उत्तराखंड में हनी मिशन से रोजगार
उत्तराखंड राज्य में हनी मिशन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 712 बेरोजगार व्यक्तियों और किसानों को कुल 7120 मधुमक्खी-बक्से, मधुमक्खी-कॉलोनियां तथा टूलकिट व अन्य उपकरणों का वितरण किया गया है, जिनमें से 3910 मधुमक्खी-बक्से 391 अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को, 790 मधुमक्खी-बॉक्स 79 अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को और 2420 मधुमक्खी-बॉक्स 242 सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं।

सात राज्यो में कारगर योजना
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वपूर्ण मार्गदर्शन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) देश के 7 राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा में री-हब नामक परियोजना को चला रहा है। इन राज्यों में हाथियों के हमले अधिक संख्या में होते हैं। इस परियोजना के तहत ऐसे क्षेत्रों में मधुमक्खियों के बक्सों की बाड़ लगाई जाती है, जहां से जंगली हाथी मानव बस्तियों और किसानों के खेतों की तरफ बढ़ते हैं। हाथियों के आने-जाने के रास्तों पर मधुमक्खी बक्सों की बाड़ लगाने से मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। इस तरह से हाथियों द्वारा इंसानों पर हमला करने और किसानों की फसल बर्बाद होने को मधुमक्खियों के जरिए रोका जा सकता है। एक नई पहल के रूप में पुनर्वास परियोजना केवीआईसी द्वारा चयनित स्थानों पर एक वर्ष की अवधि के लिए चलाई जाएगी।

आजीविका के लिए हनी मिशन
अध्यक्ष ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मधु क्रांति’ के संकल्प को साकार करने और देश के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए हनी मिशन कार्यक्रम खादी एवं ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत वर्ष 2018-19 से पूरे देश में लागू है। केवीआईसी द्वारा मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इस योजना के लाभार्थियों को 10 मधुमक्खी बक्से, मधुमक्खी कॉलोनियां और टूलकिट प्रदान किए जाते हैं।

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